पश्चिम बंगाल पुलिस के एक पूर्व अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। मामला फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़ा है। कोलकाता पुलिस के रिटायर्ड उपनिरीक्षक को बिना उचित सत्यापन के पासपोर्ट का आवेदन मंजूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पुलिस अधिकारी को शनिवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 18 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद अब तक नौ लोगों को पकड़ा जा चुका है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई पासपोर्ट जारी
अब्दुल हुई की गिरफ्तारी मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया, उस समय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब वह सुरक्षा नियंत्रण संगठन (एससीओ) में पदस्थापित थे। यह संगठन क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मिलने वाले आवेदनों की जांच करता है।
2023 में रिटायरमेंट, पकड़े जाने के बाद अदालत ने हिरासत में भेजा
आरोपी अब्दुल हुई, अक्तूबर 2023 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें शनिवार तड़के उत्तर 2 परगना जिले के अशोक नगर इलाके में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। कार्रवाई के संबंध में अधिकारी ने बताया, गिरफ्तारी के बाद उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। बीते कुछ साल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई पासपोर्ट जारी करने में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
जासूसी विभाग कर रहा है जांच, तीन महीने पहले दर्ज हुआ मामला
पुलिस पूछताछ कर रही है। बंगाल पुलिस अब्दुल हुई के संपर्कों को भी खंगाल रही है। बता दें कि कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग 27 सितंबर, 2024 को भवानीपुर थाने में दर्ज मामले के आधार पर इस मामले की जांच कर रहा है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक आरोपी पूर्व पुलिस अधिकारी हुई ने 50 से अधिक पासपोर्ट आवेदनों को मंजूरी दी। सभी बाद में फर्जी पाए गए।
पासपोर्ट के आवेदन के बदले 25 हजार रुपये रिश्वत
सूत्रों ने जांच अधिकारियों के हवाले से बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक आवेदन सत्यापन के लिए आरोपी अब्दुल हुई 25 हजार रुपये लेता था। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान कई और अहम सुराग हाथ लगने की उम्मीद है।
सियासत का दौर भी शुरू
इस मामले के सामने आने के बाद सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस शासित इस राज्य में प्रशासन पर फर्जी पासपोर्ट रैकेट के प्रसार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। भाजपा का आरोप है कि ऐसे कृत्यों को पुलिस के एक वर्ग का समर्थन हासिल है। दूसरी तरफ टीएमसी ने केंद्र पर सीमा पार से घुसपैठ की अनदेखी करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस ने इस रैकेट में शामिल लोगों का पता लगाने में पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका की सराहना की।