नयी दिल्ली, विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अब विदेशी धन का इस्तेमाल कर बनाई गई चल व अचल संपत्तियों का विवरण देना होगा।
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर विदेशी धन प्राप्त करने वाले एनजीओ के लिए बने नियमों में संशोधन किया, जिसके बाद प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च) तक एनजीओ के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो गया है।
कानून के मुताबिक, विदेशी धन प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को अब एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना होगा।
गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन नियम, 2010 के फॉर्म एफसी-4 में दो खंड जोड़कर बदलाव किए हैं। इन संशोधनों में (बीए) विदेशी धन से बनाई गई चल संपत्तियों का विवरण (वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक) और (बीबी) विदेशी धन के इस्तेमाल से बनाई गई अचल संपत्तियों का विवरण (वित्तीय वर्ष में 31 मार्च को) शामिल है।
फॉर्म एफसी-4 को वे सभी गैर-सरकारी संगठन और संघ भरते हैं, जिन्हें एफसीआरए लाइसेंस दिया जाता है, ताकि वे अपना वार्षिक लेखा-जोखा दाखिल कर सकें। गृह मंत्रालय ने उन सभी संस्थाओं के एफसीआरए लाइसेंस की वैधता को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को समाप्त हो रहे हैं या फिर उनका नवीनीकरण लंबित है।