आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा समेत सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। हाल ही में विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने राजधानी दिल्ली में एक बैठक कर इसके संकेत भी दे दिए हैं। वहीं, भाजपा नेता भी विभिन्न राज्यों में दौरा करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सामने आया है कि कर्नाटक की जेडीएस और भाजपा के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर जनवरी के आखिर में वार्ता पूरी हो जाएगी। 

बेटों के साथ पीएम मोदी से मिले पूर्व पीएम
गौरतलब है कि गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने अपने दोनों बेटों एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवन्ना के साथ ही पोते प्रज्वल रेवन्ना के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। वे संसद भवन परिसर में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम से मिले। कुमारस्वामी ने बताया कि पीएम के साथ बैठक में उन्होंने कर्नाटक से संबंधित कई मुद्दे उठाए। इनमें गिरती कीमतों के बीच खोपरा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और काडू गोलारू समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग शामिल है।

सीट बंटवारे पर हुई पीएम मोदी के साथ चर्चा
जेडीएस के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के दौरान सीट बंटवारे पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा जनवरी के अंत तक आराम से पूरा हो जाएगा। इसमें कोई बाधा नहीं होगी। इस दौरान यह पूछे जाने पर कि जेडीएस भाजपा से कितनी सीटों की मांग करेगी? पर कुमारस्वामी ने कहा कि हमारे लिए सीटों की संख्या मायने नहीं रखती। हमारा ध्यान जीत पर है ऐसे में हम जीतने योग्य सीटों का दावा करेंगे।

बता दें कि साल 2019 के आम चुनाव में जेडीएस ने एक लोकसभा सीट जीती थी। अब आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी कम से कम चार-पांच सीटें मांग सकती है।

इतनी सीटों की मांग कर सकती है जेडीएस
गौरतलब है कि इस साल के शुरू में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद भाजपा और जेडीएस एक साथ आ गई थी। पत्रकारों से वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन कांग्रेस को करारा जवाब देने के लिए किया गया है। 

कर्नाटक सरकार पर कसा तंज
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर भी तंज कसा। कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा कर्नाटक में उसकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। कुमारस्वामी ने कहा कि कुछ भी संभव है। कर्नाटक में भी अजित पवार और (एकनाथ) शिंदे हैं। आगे उन्होंने कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस संसद की सुरक्षा में सेंध का मुद्दा खूब जोरो-शोरों से उठा रही है, लेकिन इसी कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में कर्नाटक विधानसभा में हुई सुरक्षा चूक को नजरअंदाज कर दिया था।

कुमारस्वामी ने कहा कि जब कर्नाटक में विधानसभा सत्र चल रहा था, तब एक अज्ञात व्यक्ति एक घंटे तक विधायक की कुर्सी पर बैठा रहा, लेकिन तब न तो कांग्रेस ने और न ही उसके दोस्तों ने उस समय यह मुद्दा उठाया? अब यहां संसद में, वे कार्यवाही को रोकने के लिए सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठा रहे हैं।