बाढ़ का कहर: यूपी में 12 की मौत, बिहार के गांवों से टूटा संपर्क

उत्तर प्रदेश और बिहार के कई ज़िले इस समय बाढ़ की मार झेल रहे हैं। मैदानी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश और मध्य प्रदेश से आ रही सहायक नदियों के जलप्रवाह के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसका असर प्रयागराज से लेकर बंगाल की खाड़ी तक दिखाई दे रहा है।

बाढ़ की यह स्थिति न केवल भारत बल्कि बांग्लादेश के कुछ हिस्सों को भी प्रभावित कर रही है। यूपी के प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, बलिया और गाजीपुर ज़िले गंभीर रूप से प्रभावित हैं, वहीं बिहार में पटना, बक्सर, भोजपुर, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली, बेगूसराय और भागलपुर जैसे ज़िले बाढ़ के संकट से जूझ रहे हैं।

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
गाजीपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही है और प्रति घंटे जलस्तर में 1 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है। वाराणसी में भी स्थिति चिंताजनक है जहां जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है और इलाहाबाद, फाफामऊ समेत प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भी जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राज्य में अब तक बाढ़ संबंधी घटनाओं में 12 लोगों की जान जा चुकी है।

बिहार के कई जिले जलमग्न
बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 2 सेंटीमीटर नीचे है और तेजी से बढ़ रहा है। रामरेखा घाट पूरी तरह डूब चुका है, जबकि ताड़का नाले के पास के घरों में पानी घुस गया है। राज्य के अन्य निचले इलाकों में भी जल स्तर बढ़ रहा है और हालात बिगड़ने की आशंका है।

राहत की संभावना या संकट और गहराएगा?
हालांकि केन और बेतवा जैसी यमुना की सहायक नदियों में जलस्तर में कुछ गिरावट आई है। अगर आगामी दिनों में मध्य प्रदेश में भारी बारिश नहीं होती तो यूपी और बिहार के निचले इलाकों में जल स्तर में कुछ कमी आ सकती है। लेकिन यदि अगले 24 से 48 घंटों के भीतर इन क्षेत्रों में फिर से तेज वर्षा होती है, तो बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बक्सर सहित प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में जुटी हैं। लोगों से नदी किनारे जाने से परहेज करने की अपील की गई है।

हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण 307 सड़कों पर आवागमन पूरी तरह बंद है, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। मंडी जिले में 156 और कुल्लू में 68 सड़कों पर यातायात बाधित है। राज्य में अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता हैं। करीब 1,600 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

एमपी, राजस्थान और गुजरात में भी बिगड़े हालात
मध्य प्रदेश के कई जिले जैसे भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, धार और अशोकनगर बाढ़ और बारिश से प्रभावित हैं। विदिशा में एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं।

राजस्थान के अजमेर जिले में भी बाढ़ ने कहर बरपाया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए जरूरी इंतजाम किए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

गुजरात में सरदार सरोवर डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इसके 15 गेट खोल दिए गए हैं। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अहमदाबाद सहित कई क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

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