अमेरिका से भारत भेजे गए अप्रवासियों के साथ किए गए दुर्व्यवहार को लेकर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अप्रवासियों से दुर्व्यवहार का मुद्दा हमारे सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर हम अमेरिकी अधिकारियों से बात करेंगे। हम यह तय करेंगे कि निर्वासितों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। ऐसा कोई भी मामला हमारे सामने आएगा तो हम उसे अमेरिका के सामने उठाएंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने हमें आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के बारे में सूचित किया है। इस पर विदेश मंत्री ने मानक संचालन प्रक्रिया का विवरण दिया है। अवैध आव्रजन को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ पूरे सिस्टम में कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के बाद कोई विरोध प्रदर्शन हुआ था। हमारे पास किसी विरोध प्रदर्शन का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
विदेश सचिव ने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है। इस बारे में विदेश मंत्री ने भी कल संसद में बताया था। दुनिया का कोई भी देश अगर अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करना चाहता है तो उसे यह आश्वासन चाहिए होता है कि जो भी वापस आ रहा है वह भारत का नागरिक है। क्योंकि इससे वैधता और सुरक्षा के मुद्दे जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जब हमने अमेरिका से संभावित वापसी करने वालों के बारे में विवरण मांगा तो हमें बताया गया है कि अंतिम निष्कासन वाले 487 भारतीय नागरिक हैं। हमें 298 व्यक्तियों के बारे में विवरण दिए गए हैं। हम अमेरिकी समकक्षों के साथ इस मामले में बहुत पारदर्शी रहे हैं। दो दिन पहले जो निर्वासन हुआ वह कई वर्षों से हो आ रही उड़ानों की तुलना में कुछ अलग है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।
10 फरवरी को एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेने फ्रांस जाएंगे पीएम मोदी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस द्वारा आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी होंगे। प्रधानमंत्री 10 फरवरी की शाम को पेरिस पहुंचेंगे। यहां वह राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा सरकार के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में एलीसी पैलेस में आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। रात्रिभोज में टेक डोमेन से बड़ी संख्या में सीईओ और शिखर सम्मेलन में आमंत्रित कई अन्य विशिष्ट लोगों के भी शामिल होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अगले दिन 11 फरवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह तीसरा उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन है। इनमें से पहला 2023 में यूके में और दूसरा 2023 में कोरिया गणराज्य में आयोजित किया गया था। 2024 में अब यह फ्रांस में हो रहा है। एआई शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी 11 फरवरी की शाम को मार्सिले जाएंगे। यहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पीएम मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन भी करेंगे। 12 फरवरी को वह युद्ध कब्रिस्तान जाएंगे और प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। दोनों नेता संयुक्त रूप से मार्सिले में भारत के नवीनतम महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय थर्मल परमाणु प्रायोगिक रिएक्टर स्थल कदाश का दौरा करेंगे।
12-13 फरवरी को पीएम करेंगे अमेरिका की यात्रा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले पहले कुछ विश्व नेताओं में शामिल होंगे। नए प्रशासन के पदभार ग्रहण करने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर प्रधानमंत्री को अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है यह भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है। अमेरिका में इस साझेदारी को प्राप्त द्विदलीय समर्थन को भी दर्शाता है।
बांग्लादेश की घटनाओं पर हमारी नजर
बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान के स्मारक और आवास में तोड़फोड़ की घटना पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि हम यह भी बताना चाहेंगे कि राजनयिक परिसर की सुरक्षा मेजबान सरकार की जिम्मेदारी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बांग्लादेश के अधिकारी इस संबंध में अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह अवगत हैं।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा ने अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते आजमा लिए हैं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी अपील खारिज कर दी है। इसलिए हम भारतीय अधिकारियों के समक्ष उसके आत्मसमर्पण की व्यवस्था करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं।