संसद में हंगामे को लेकर पूर्व पीएम देवगौड़ा हुए नाराज, कहा- गरिमा और मर्यादा बनाए रखना जरूरी

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने गुरुवार को संसदीय कार्यवाही में व्यवधान डालने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को तभी बचाया जा सकता है जब संसद में हर कोई गरिमा और मर्यादा बनाए रखेगा। 90 वर्षीय जेडीएस सुप्रीमो ने इन दिनों संसदीय कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए चिल्लाने, नाम पुकारने और नारेबाजी को लेकर नाराजगी जताई। बता दें, देवगौड़ा कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य भी हैं।

यह है मामला
दरअसल, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर पर नियम 167 के तहत चर्चा की मांग की और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति पर जोर दिया। खरगे की मांग के विरोध में सत्ताधारी दलों के सदस्य खड़े होकर विरोध कर रहे थे। 

इस पर खरगे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री सदन में आएंगे तो क्या होगा? क्या वह परमात्मा हैं? कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि वह कोई भगवान नहीं हैं। पीएम पर खरगे की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष की ओर से नारेबाजी तेज हो गई। हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 

संसद में जो हो रहा काफी निराशाजनक
एचडी देवगौड़ा ने कहा कि मैं खराब स्वास्थ्य के बावजूद संसद में भाग लेने आया था, लेकिन जो कुछ हो रहा है उससे मैं बहुत निराश हूं। अपने लंबे अनुभव से मैं कहता हूं कि यह एक नया निचला स्तर है। गौड़ा ने आगे कहा कि लोकतंत्र को केवल तभी बचाया जा सकता है जब हर कोई गरिमा और मर्यादा बनाए रखेगा।

 पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि चिल्लाना, नाम-पुकारना, नारे लगाना हमारे सिस्टम में जो कुछ बचा है उसे भी नष्ट कर देगा।

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