लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्षविराम के दावे से लेकर पीओके और सेना की भूमिका तक, हर सवाल का स्पष्ट रूप से उत्तर दिया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र भारत के ‘विजयोत्सव’ का प्रतीक है, जो दुश्मन को मटियामेट करने, सेना की वीरता का सम्मान करने और देश की 140 करोड़ जनता की इच्छाशक्ति का उत्सव है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा पर समझौता नहीं होगा और आतंकवाद के आकाओं को उनकी ही जमीन पर सख्त जवाब मिलेगा।
पीओके पर कांग्रेस को घेरा
पीओके को लेकर उठे सवालों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका अवसर 1947 के बाद कई बार आया, लेकिन हर बार कांग्रेस की कमजोरियों और गलत निर्णयों ने मौके गंवा दिए। उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश ने जो भूभाग जीता था, वह राजनीतिक समझदारी की कमी के कारण लौटा दिया गया।
सेना को खुली छूट, जवाब गोले से देने की चेतावनी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 मई की रात पाकिस्तान बड़े हमले की योजना बना रहा था। लेकिन भारतीय सेना तैयार थी। उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे – गोली का नहीं, गोले से।”
कांग्रेस पर पुराने रुखों को लेकर निशाना
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कारगिल विजय को नकारने और डोकलाम जैसे मुद्दों पर मौन रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाते नजर आए थे, वहीं संसद और 26/11 हमलों के बाद भी कांग्रेस की भूमिका वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित रही।
सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट पर भी उठे सवाल
मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कांग्रेस ने सेना से सबूत मांगे और बालाकोट हमले के बाद उनकी प्रतिक्रिया निराशाजनक रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान के समर्थन में खड़ी नजर आई, जबकि पूरी दुनिया भारत के साथ थी।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और परिणाम
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पहलगाम आतंकी हमले के पीछे बैठे आतंकियों और उनके समर्थन तंत्र को खत्म करना था। सेना ने आतंकियों की “नाभि पर वार” किया और सटीक कार्रवाई के जरिए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और दुनिया का रुख
मोदी ने बताया कि पाकिस्तान को भारतीय हमले की तीव्रता का अंदाजा हो गया है और उसने खुद ही डीजीएमओ के जरिए हमला रोकने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि केवल तीन देशों को छोड़कर बाकी दुनिया ने भारत की कार्रवाई का समर्थन किया।
राहुल गांधी की चुनौती पर दो टूक जवाब
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की उस चुनौती का भी उत्तर दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर मोदी से संसद में स्पष्ट बोलने को कहा था। पीएम ने कहा कि न तो किसी देश ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने को कहा और न ही भारत किसी दबाव में आया।
‘हिंदू आतंक’ थ्योरी पर करारा पलटवार
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसी थ्योरी दुनिया को बेचने की कोशिश करती रही। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा और अस्मिता के साथ सीधा खिलवाड़ है।
कांग्रेस पर सेना विरोध का आरोप
पीएम ने कहा कि कांग्रेस का सेना के प्रति नकारात्मक रवैया नया नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कारगिल विजय का कभी सम्मान नहीं किया और हमेशा सेना के शौर्य पर सवाल उठाए।
पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा से प्रभावित होकर वही बातें कर रही है, जो पाकिस्तान भी कहता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह तक कह दिया कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान है, इसका सबूत चाहिए।
आतंक के आकाओं के साथ कुछ लोग भी रोए
मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आतंकवादियों के आकाओं के साथ-साथ कुछ नेता भी दुखी नजर आए। उन्होंने कहा कि सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के समय भी इन्हीं नेताओं ने सवाल उठाए थे, अब ऑपरेशन सिंदूर पर वही पैटर्न दोहराया जा रहा है।
भारत का रुख साफ: ताकत से जवाब
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा स्पष्ट नीति अपनाई है—यदि देश पर हमला होगा तो जवाब भारत की शर्तों पर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सेना की जानकारी के बजाय पाकिस्तान के दावों को बढ़ावा दे रहे हैं।
पीओके पर कांग्रेस को घेरा
मोदी ने कहा कि यह सवाल पूछा जा रहा है कि PoK को वापस क्यों नहीं लिया गया, तो इसका जवाब है—जिस वक्त पाकिस्तान ने PoK पर कब्जा किया, तब कांग्रेस की ही सरकार थी और वही जिम्मेदार है।
विदेश नीति पर कांग्रेस को घेरा
पीएम ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरा समर्थन मिला, लेकिन कांग्रेस ने सेना के पराक्रम को समर्थन नहीं दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
ऑपरेशन सिंदूर के तीन स्पष्ट संकेत
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन ने दुनिया को तीन संदेश दिए:
- आतंक का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा।
- परमाणु धमकी अब नहीं चलेगी।
- आतंक को समर्थन देने वालों और उसे संचालित करने वालों में अब फर्क नहीं किया जाएगा।