विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान में तीन भारतीय नागरिक लापता हैं और भारत ने इस मुद्दे को तेहरान के सामने गंभीरता से उठाया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा तथा आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर मिलकर काम कर रहे हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारतीय नागरिकों के लापता होने का मामला दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास और तेहरान स्थित ईरानी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं तथा उन्होंने लापता नागरिकों का पता लगाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता का अनुरोध किया है।
पीएम मोदी की जल्द यात्रा पर अमेरिका के साथ कर रहे काम
जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल्द अमेरिका यात्रा पर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी की यात्रा की तारीखों की घोषणा उचित समय पर की जाएगी। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 जनवरी को फोन पर बातचीत की थी। पिछले सप्ताह ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद यह उनकी पहली फोन पर बातचीत थी। प्रवक्ता ने यह कहा कि भारत मुंबई आतंकी हमले के आरोपी आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के जल्द प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को राणा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।
भारत-बांग्लादेश डीजी स्तर सीमा वार्ता 17-20 फरवरी को : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच महानिदेशक (डीजी) स्तर की वार्ता 17 से 20 फरवरी तक नई दिल्ली में होगी। वार्ता में सीमा संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही पारस्परिक रूप से सहमत समझौता ज्ञापनों (एमओयू) और समझौतों का सम्मान करने पर जोर दिया जाएगा। 22 जनवरी को बीएसएफ और बीजीबी ने बांग्लादेश में सोनमस्जिद सीमा चौकी पर सेक्टर कमांडर स्तर की समन्वय बैठक की थी। बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अनुसार, बैठक का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति और सहयोग सुनिश्चित करना था। 
कांगो में चल रहे संघर्ष पर जताई चिंता
प्रवक्ता ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के कुछ भागो में चल रहे संघर्ष पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि डीआरसी में करीब 25,000 भारतीय नागरिक रहते हैं। इनमें से लगभग 1,000 संघर्ष प्रभावित शहर गोमा में हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। हमारे दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की है और हेल्पलाइन नंबर भी दिए हैं ताकि अगर किसी को कोई परेशानी हो तो वो तुरंत उनसे संपर्क कर सकें।
भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी पर श्रीलंका से दर्ज कराया कड़ा विरोध
जायसवाल ने कहा कि भारत ने हाल ही में भारतीय मछुआरों को हिरासत में लेने और उन पर गोली चलाने की घटना पर श्रीलंका से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कराईकल के दो भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई नौसेना की जाफना सागर में की गई गोलीबारी में घायल हो गए थे। इसके बाद भारत ने श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना पर विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया था।
ब्रिटेन में बढ़ते चरमपंथी खतरे पर भी बोले
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ब्रिटेन में बढ़ते चरमपंथी खतरे और अलगाववाद मसले पर कुछ रिपोर्ट देखी हैं। वहां पर अलगाववादी और चरमपंथी खतरे की प्रकृति सर्वविदित है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और गलत तरीके से इसकी तुलना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी ब्रिटेन में बढ़ते चरमपंथ पर वहां के गृह कार्यालय की रिपोर्ट को लेकर कही। ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश में बढ़ते चरमपंथ के संबंध में ‘हिंदू राष्ट्रवाद’, ‘इस्लामी चरमपंथ’ और ‘खालिस्तानी चरमपंथ’ का उल्लेख किया गया है।
कनाडा के सामने 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित
वहीं कनाडा में आतंकियों के लंबित प्रत्यर्पण पर उन्होंने कहा कि करीब 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं। पिछले एक दशक में भारत के प्रत्यर्पण और अनंतिम गिरफ्तारी के कई अनुरोध भेजे जाने के बावजूद लंबित हैं। पिछले साल, विदेश मंत्रालय ने कनाडा को अपराधियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए समन किया था। इस संदर्भ में उन्होंने गुरजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह लांडा और अर्शदीप सिंह गिल का नाम लिया।