हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भारत ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए फिलीपींस के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस जूनियर के बीच हुई उच्चस्तरीय बातचीत के दौरान लिया गया।
फिलीपींस, जो कि आसियान का सदस्य देश है, पहले ही भारत के साथ समग्र रणनीतिक साझेदारी के तहत जुड़ा हुआ है। अब भारत संगठन के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय स्तर पर भी बहुआयामी संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग रहा केंद्र में
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच हुई बैठक में रक्षा, सुरक्षा और सैन्य सहयोग प्रमुख विषयों में शामिल रहे। फिलीपींस भारत निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला पहला देश है। मंगलवार को हुई बातचीत के दौरान फिलीपींस की ओर से भारत के कई अन्य रक्षा प्लेटफॉर्म्स में भी रुचि दिखाई गई।
राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर पांच दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को पहुंचे। राष्ट्रपति भवन में उन्हें औपचारिक स्वागत के बाद पीएम मोदी से उनकी मुलाकात हुई। द्विपक्षीय बैठक से पूर्व अपने वक्तव्य में राष्ट्रपति मार्कोस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र और समान अवसरों पर आधारित व्यवस्था को बनाए रखने में भारत के साथ सहयोग की इच्छा जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी समुद्री मार्गों की स्वतंत्रता को सभी देशों का समान अधिकार बताया।
व्यापारिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
भारत और फिलीपींस के बीच वरीयता-आधारित व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement) की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई और दोनों देशों ने इस दिशा में बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत का आसियान के साथ पहले से एफटीए (FTA) है, फिर भी भारत फिलीपींस के साथ अलग व्यापार समझौते को लेकर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने आपसी सहयोग, क्षेत्रीय मामलों और वैश्विक हालातों पर विस्तृत चर्चा की है। आज हमारे रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देकर हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। इसके लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे इस साझेदारी को व्यवहारिक परिणामों में बदला जा सके।”
उन्होंने बताया कि भारत-फिलीपींस द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है, और भारत की प्राथमिकता है कि आसियान एफटीए की समीक्षा शीघ्र पूरी हो ताकि व्यापारिक संबंध और सुदृढ़ किए जा सकें।
पर्यटन को प्रोत्साहन, वीजा छूट और सीधी उड़ानों की तैयारी
फिलीपींस ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश की घोषणा की है। भारतीय पर्यटक अब 15 दिनों तक बिना वीजा के फिलीपींस की यात्रा कर सकेंगे। जवाब में भारत ने फिलीपींस के नागरिकों के लिए एक साल की वैधता वाला ई-पर्यटक वीजा सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा दोनों देशों की राजधानियों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू करने पर भी सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह सीधी फ्लाइट दिसंबर 2025 से पहले शुरू होने की संभावना है।
विकास और निवेश की दिशा में भी बढ़े कदम
भारत ने फिलीपींस में बुनियादी ढांचे के विकास, स्वास्थ्य सेवा, जैव ईंधन और तेल व गैस क्षेत्र में निवेश में रुचि दिखाई है। बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय कंपनियां इन क्षेत्रों में साझेदारी के लिए तैयार हैं, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिल सकेगी।