भारतीय रेलवे ने दिवाली के पहले अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर बताया कि ,रेलवे में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए रिटायर्ड कर्मचारियों को एक बार फिर से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नौकरी पर रखा जाएगा। हर जोन के जनरल मैनेजर को यह अधिकार होगा कि वो रिटायर्ड कर्मचारियों को नौकरी पर रख सकेगे।
रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के जनरल मैनेजरों को लिखे एक सर्कुलर में बताया कि, सुपरवाइजर और स्टाफ की कमी को देखते हुए रेलवे को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रेलवे ने अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को एक बार से नौकरी पर रखने का फैसला किया है। हालांकि, ये एक कॉन्ट्रैक्ट बेसिस की जॉब होगी, जिसमें कोई कर्मचारी 2 साल या 65 साल की आयु (जो भी पहले हो) तक ही नौकरी कर सकता है।
जानकारी के अनुसार, सर्विस के पूरे पीरियड में उन्हें हर महीने के 1.5 दिनों की पेड लीव दी जा सकती है। हालांकि, एक कैलेंडर वर्ष से अधिक छुट्टी जमा करने की अनुमति नहीं होगी और न ही नियुक्ति बढ़ाए जाने पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही, अनुबंध के खत्म होने के वक्त बची हुई पेड लीव के बदले कोई भुगतान भी हीं किया जाएगा।
इन बातों का भी रखा जाएगा ध्यान
रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार, नॉन गैजेटेड रेलवे स्टाफ जो कि अपने रिटायरमेंट के समय पे लेवल 1 से पे लेवल 7 तक काम कर रहा हो, उसे उसी लेवल पर फिर से हायर किया जाएगा। ये अधिकार सिर्फ जनरल मैनेजर के पास होने वाला है। हालांकि, दोबारा नौकरी पर रखने से पहले कर्मचारियों का उनके पोस्ट के हिसाब से मेडिकल फिटनेस किया जाएगा। इसके अलावा रिटायरमेंट के आखिरी 5 साल में उनके काम को भी रिव्यू किया जाएगा। नौकरी की इस अवधि के दौरान प्रत्येक कर्मचारी को एक फिक्स्ड सैलरी दी जाएगी, जो कि उनकी आखिरी सैलरी से पेंशन की राशि को घटाकर तय की जाएगी। इसके अलावा नौकरी की पूरी अवधि के दौरान उन्हें कोई इंक्रीमेंट, डीए, एचआरए नहीं दिया जाए।