केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है और तुरंत प्रभावी उपाय अपनाने की जरूरत बताई है। उन्होंने सड़क निर्माण उद्योग से अपील की कि वे नई तकनीकों और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्रियों को अपनाकर सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने की रणनीतियां विकसित करें।
सड़क सुरक्षा पर ‘ग्लोबल रोड इन्फ्राटेक समिट’
नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल रोड इन्फ्राटेक समिट एंड एक्सपो (GRIS) में गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण खराब सिविल इंजीनियरिंग, गलत सड़क डिजाइन और अनुचित रोड साइन और मार्किंग सिस्टम हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों से सीख लेकर इन कमियों को सुधारा जा सकता है। इस समिट की थीम “विजन जीरो: सुरक्षित सड़कों के लिए सतत इंफ्राटेक और नीति” रखी गई है।

सड़क दुर्घटनाओं से GDP पर भी असर
भारत में हर साल 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1,80,000 लोगों की मौत हो जाती है। और लगभग 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। इनमें से 1,40,000 मौतें 18-45 वर्ष की आयु के लोगों की होती हैं, जिनमें अधिकतर दोपहिया वाहन चालकों और पैदल यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है। गडकरी ने बताया कि इन दुर्घटनाओं से भारत के GDP (जीडीपी) को 3 प्रतिशत का आर्थिक नुकसान होता है।

खराब इंजीनियरिंग और प्लानिंग के कारण बढ़ रही दुर्घटनाएं
गडकरी ने कहा कि खराब सड़क डिजाइन और गलत प्लानिंग के लिए इंजीनियर भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कमजोर डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स (डीपीआर) को भी दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों का कारण बताया। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करना है, जिसके लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है।

सरकार और उद्योग जगत का सहयोग जरूरी
गडकरी ने सरकार और सड़क निर्माण उद्योग से अपील की कि वे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन और ड्राइविंग से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा, कड़े कानून लागू करने और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

समिट में नई तकनीकों पर चर्चा
इस समिट का आयोजन इंटरनेशनल रोड फेडरेशन-इंडिया चैप्टर (IRF-IC) द्वारा किया गया। इस इवेंट का मकसद नई तकनीकों को प्रदर्शित करना, ज्ञान का आदान-प्रदान करना और सरकार तथा निजी संगठनों के बीच नेटवर्किंग को बढ़ावा देना है।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (IRF) के प्रेसिडेंट एमेरिटस के के कपिला ने कहा कि यह समिट एक एक्सपो और कॉन्फ्रेंस के रूप में आयोजित की जा रही है। जो सड़क निर्माण उद्योग में नए इनोवेशन को बढ़ावा देने और सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद करेगी।
इस मौके पर IRF, जिनेवा की डायरेक्टर जनरल सुजाना जम्माटारो, IRF इंडिया चैप्टर के प्रेसिडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और IRF के वाइस प्रेसिडेंट अखिलेश श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे।