कोलकाता दुष्कर्म-हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए छात्र संगठनों ने मंगलवार को नवान्न मार्च निकाला। हालांकि, मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिलीं।

पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाईं। साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़ और पानी की बौछार की। अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी बोस ने प्रदर्शनकारियों पर शक्ति के इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार और पुलिस पर नाराजगी जताई है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ: राज्यपाल

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मैं कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट की घोषणाओं की अनदेखी करते हुए कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राज्य की का उपयोग नहीं करना चाहिए, स्थिति से निपटने के लिए राज्य द्वारा असंगत बल और जबरदस्त शक्ति का इस्तेमाल किया गया था।'

उन्होंने कहा कि यह भयावह दृश्य हमने आज कोलकाता की सड़कों पर देखा, निश्चित रूप से, इसकी किसी भी तरह से सराहना नहीं की जा सकती। सीवी आनंद बोस ने कहा, 'राज्यपाल के रूप में, मैं देख रहा हूँ, मैंने फिलहाल अपना अनुमान लगा लिया है , मुझे अपने निर्णयों को सार्वजनिक करने में कठिनाई हो रही है। स्थिति की गंभीरता ऐसी है कि सार्वजनिक जीवन में सभी लोग एक साथ आकर सरकार के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को चुनौती देने का मन बना रहे हैं।'

'लोगों को न्याय पाने का अधिकार'

राज्यपाल ने कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया सामान्य से बहुत दूर है। कोलकाता मामले में सीबी जांच पर राज्यपाल ने कहा कि सीबीआई सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी है। मैं इस स्तर पर उनकी जांच पर बिल्कुल भी टिप्पणी नहीं करना चाहता। लोगों को न्याय पाने का अधिकार है। लोगों को न्याय मिले यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।

राज्यपाल आनंद बोस ने राज्य सरकार की कार्रवाई की सख्त लहजे में निंदा करते हुए कहा कि बंद करो ये जानलेवा खेल। इसके लिए सरकार को पहल करनी होगी। लोग न्याय चाहते हैं। आज सड़कों पर सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय भावनाओं, राष्ट्र और बंगाल के लोगों का अपमान किया है।