कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का पतन हो रहा है। प्रदेश महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है और राज्य सरकार इस मुद्दे पर असंवेदनशील है। मौजूदा सरकार ने महिलाओं को निराश किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा और उनके सामने सभी सांविधानिक विकल्प खुले हैं। 

बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं- राज्यपाल
सोमवार को राज्यपाल ने राजभवन में महिला नेताओं और डॉक्टरों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि वह पश्चिम बंगाल को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में उनके साथ खड़े हैं। राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। मौजूदा सरकार ने राज्य को महिलाओं के लिए असुरक्षित बना दिया है और आरजी कर अस्पताल में हुए जघन्य हत्याकांड से यही बात पता चलती है। बंगाल में आज महिलाएं गुंडों से डरती हैं और यह राज्य सरकार ने पैदा किया है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल सकते हैं राज्यपाल
मृत डॉक्टर के परिजनों के बयान पर राज्यपाल ने कहा, मैं मां की भावनाओं का सम्मान करता हूं। कानून अपना काम करेगा। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमें अपनी बेटियों और बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेना होगा। हम अपनी बहनों के लिए अपने मिशन में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय सभी पुरुषों के लिए खुद को सुधारने का है। यह समय एक साथ आने का है। राज्यपाल राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा...गला घोंटकर हत्या, 16 बाहरी, 9 आंतरिक चोटें
दरिंदगी की शिकार 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। यह रिपोर्ट बताती है कि जूनियर डॉक्टर के साथ क्रूरता की सारी हदें पार की गईं। महिला डॉक्टर के शरीर पर 16 बाहरी और नौ आंतरिक चोटे हैं। सभी चोटें मृत्यु से पहले की हैं जो बताती हैं कि 8 अगस्त की रात जूनियर डॉक्टर ने दरिंदे के साथ आखिरी दम तक लड़ाई लड़ी।

पोस्टमार्टम 9 अगस्त को शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच किया गया। रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना और मौत का तरीका हत्या जैसा बताया गया है। यह भी उल्लेख किया गया है कि बेरहमी से हत्या करने से पहले महिला डॉक्टर के साथ मारपीट और यौन हिंसा की गई। यह भी उल्लेख किया गया है कि उसके गुप्तांग में कुछ जबरदस्ती डाला गया था। पीड़िता के सिर, गाल, होंठ, नाक, दाहिना जबड़ा, ठोड़ी, गला, बायां हाथ, बायां कंधा, बायां घुटना, टखना और जननांग में चोट के निशान पाए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि डॉक्टर के फेफड़ों में खून का थक्का (रक्तस्राव) था। शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में भी खून के थक्के थे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सीमेन का कोई जिक्र नहीं
कई जगह से इस तरह की जानकारी मिल रही थी कि पीड़िता के शरीर में '150 ग्राम सीमेन' पाया गया। उनके परिवार की ओर से कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर याचिका में भी इस बात का जिक्र है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'सीमेन' का कोई जिक्र नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की "एंडोकर्विकल कैनाल" से एक "सफेद गाढ़ा चिपचिपा तरल पदार्थ" एकत्र किया गया था। हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि वह तरल पदार्थ कौन सा है।

रिपोर्ट में 'एक्सटर्नल एंड इंटरनल जेनिटलिया' के तहत वजन '151 ग्राम' बताया गया है। संयोग से, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नियमित रूप से शरीर के विभिन्न हिस्सों के वजन का उल्लेख होता है। इस मामले में भी ऐसा ही किया गया है। एक फोरेंसिक विशेषज्ञ के मुताबिक उल्लेखित सफेद चिपचिपे तरल पदार्थ के बारे में पदार्थ फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चलेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी जा सकती। क्योंकि वह जांच का विषय है।

मुख्य आरोपी का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, सीबीआई को मिली कोर्ट से अनुमति
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। स्थानीय अदालत से सीबीआई को इसकी अनुमति मिल गई है। केंद्रीय एजेंसी मंगलवार को पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है। एक दिन पहले ही एजेंसी ने मुख्य आरोपी का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराया था। सूत्रों के मुताबिक, संजय रॉय के बयानों में विरोधाभास है और सीबीआई को संदेह है कि वह कुछ सच्चाई छिपा रहा हैं, यही वजह है कि एजेंसी उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती थी।

केंद्रीय अस्पतालों में 25 फीसदी सुरक्षा बढ़ाने का आदेश
कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले पर भारी विरोध प्रदर्शन के बीच, केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय अस्पतालों में सुरक्षा 25 फीसदी बढ़ाने का आदेश जारी किया है। केंद्र ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से मार्शल भी बढ़ाए जाएंगे। डीजीएचएस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जो डॉक्टरों की समस्याओं पर सुझाव लेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि डॉक्टरों की बुनियादी समस्याओं जैसे रेस्ट रूम, सीसीटीवी सुविधाओं को ठीक किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस मामले में सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ सुनवाई करेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर सड़क पर ओपीडी सेवा
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल के बीच दिल्ली में डॉक्टरों ने निर्माण भवन स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालय के बाहर सड़क पर ओपीडी सेवाएं प्रदान की। डॉक्टर अपने नाम और विशेषज्ञता जैसे ऑर्थो ओपीडी, न्यूरोलॉजी ओपीडी, मनोचिकित्सा ओपीडी, पीएमआर को दर्शाने वाले बैनर के साथ बैठे थे।

एक डॉक्टर ने कहा, अस्पताल में कोई सुरक्षा या संरक्षण नहीं है। कम से कम यहां हमारे आसपास पुलिस है, इसलिए हम यहां मरीजों का इलाज कर सकते हैं। हमारे पास खुद के लिए लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि कोई भी हमें सहानुभूति और खोखले आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हम यहां जो ओपीडी चला रहे हैं वह एक प्रतीकात्मक विरोध है। हम विरोध भी कर रहे हैं और ओपीडी सेवाएं भी दे रहे हैं।