कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भाजपा की शिकायत पर कांग्रेस सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रियांक खरगे के परिवार द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट को जमीन आवंटित की गई। विपक्षी पार्टी ने राज्यपाल से मांग की है कि प्रियांक को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।
प्रियांक खरगे का बयान
वहीं, इस मामले को लेकर प्रियांक खरगे ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायतों पर बहुत जल्दी कार्रवाई करते हैं। लेकिन भाजपा और जद (एस) के खिलाफ शिकायतों पर धीमी प्रतिक्रिया देते हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा को बचाना होता है तो राज्यपाल का कार्यालय सक्रिय हो जाता है। भाजपा-जद (एस) के खिलाफ दस्तावेज उनकी टेबल पर सड़ने के बावजूद उन्होंने कार्रवाई नहीं की है।
प्रियांक खरगे ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने भाजपा और जद (एस) नेताओं के खिलाफ की गई शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि जब ऐसी शिकायतें राज्यपाल के पास भेजी जाती हैं, तो राज्य उन्हें वापस भेज देते हैं या कहते हैं कि वे उनके पास नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई शिकायत राज्यपाल के कार्यालय में जाती है, तो वह तब तक नहीं निपटाई जाती जब तक राज्यपाल खुल उसे नहीं निपटाते हैं। राज्यपाल ने शिकायतों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। लेकिन कई फाइल अभी भी लंबित हैं। प्रियांक खरगे कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री हैं।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष के नेता चलावदी टी. नारायणस्वामी ने राज्यपाल से मांग की है कि प्रियांक खरगे को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। उनका आरोप है कि खरगे परिवार ने अनुसूचित जाति के उद्यमियों के साथ धोखा किया है। नारायणस्वामी ने कहा, सिद्धार्थ विहार ट्र्स्ट को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा कथित तौर पर बंगलूरू के हाई-टेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में अनुसूचित जाति (एससी) कोटे के तहत पांच एक जमीन आवंटित की गई है। यह आवंटन मार्च 2024 में हुआ है और यह जमीन 45.94 एकड़ की उस जमीन में से दी गई है, जो नागरिक सुविधाओं के लिए थी।
जमीन आवंटन का मामला
सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बंगलूरू के एक हाई-टेक एयरोस्पेस पार्क में पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई है। ट्रस्ट में प्रियांक खरगे, उनके पिता एम. मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं। विपक्ष ने सवाल उठाया कि कैसे इस ट्रस्ट को एयरोस्पेस उद्यमी बनने की अनुमति मिली और क्या मुख्यमंत्री ने इस आवंटन के लिए दबाव डाला।