‘टाइम पर सैलरी, इंश्योरेंस और सुरक्षा की गारंटी’, सरकार ने राज्यों को दिए कई बड़े निर्देश

नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे अपने श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य, बीमा और दुर्घटना लाभ जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, कल्याण बोर्डों के कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी साधनों के उपयोग पर भी जोर दिया गया है।

यह महत्वपूर्ण विचार सोमवार को केंद्रीय श्रम सचिव सुमिता डावरा की अध्यक्षता में हुई 16वीं भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) निगरानी समिति की बैठक में सामने आया। यह बैठक हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी। इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के सचिव और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिनिधि शामिल थे।

बैठक में किन बातों पर दिया गया जोर?

बैठक के दौरान डावरा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बीओसी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार के लिए सेस फंड के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देशभर में लगभग 5.73 करोड़ श्रमिक बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के साथ पंजीकृत हैं और उनके कल्याण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं।

डावरा ने बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों को पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करने और ई-श्रम के साथ डाटा के एपीआई एकीकरण के माध्यम से सभी श्रमिकों के लिए 100 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने कल्याण बोर्डों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी साधनों के उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

वेतन का समय पर हो भुगतान

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि श्रमिकों के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना, सुरक्षा उपायों और आधुनिक निर्माण तकनीकों में प्रशिक्षण सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके अलावा, न्यूनतम वेतन का समय पर भुगतान और बीओसीडब्ल्यू की कल्याण योजनाओं के तहत कवरेज के संबंध में केंद्रीय एमआईएस पोर्टल पर डेटा का अद्यतन करना भी महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड और असम के बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों ने अपने-अपने बोर्डों की अच्छी चीजों को साझा किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने भी बैठक में भाग लिया और निर्माण श्रमिकों के बीच टीबी उन्मूलन पर जोर दिया। उन्होंने बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सक्रिय भागीदारी का अनुरोध किया।

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