गुजरात: मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 17 लोगों की आंखों की रोशनी गई

मोतियाबिंद का उपचार कराने वाले सत्रह लोगों ने शिकायत की है कि उनकी आंखों की रोशनी आंशिक रूप से या पूरी तरह से चली गई है। इन लोगों ने अहमदाबाद के एक अस्पताल से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था। यह अस्पताल एक ट्रस्ट के द्वारा चलाया जा रहा है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 

जांच के लिए एक नौ-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन
अहमदाबाद क्षेत्र के उप निदेशक (स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं) सतीश मकवाना ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जांच के लिए एक नौ-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। उन्होंने बताया कि मांडल गांव के इस आंखों के अस्पताल से अगले आदेश तक मोतियाबिंद के और ऑपरेशन न करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि यह मामला दस जनवरी को तब सामने आया, जब रामानंद नेत्र चिकित्सालय में सर्जरी कराने वाले पांच लोगों को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में इलाज के लिए भेजा गया। 

अस्पताल में दस जनवरी को हुए मोतियाबिंद के 29 ऑपरेशन
मकवाना ने मांडल में पत्रकारों को बताया कि दस जनवरी को रामानंद नेत्र चिकित्सालय में मोतियाबिंद के 29 ऑपरेशन हुए थे। जिनमें से सत्रह की हालत बेहद खराब हो गई। उन्होंने आंखों की रोशनी चली जाने की शिकायत की। इन सत्रह में से गंभीर रूप से घायल पांच मरीजों को अहमदाबाद भेजा गया था, जबकि 12 को उसी रामानंद नेत्र चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।उन्होंने बताया कि अहमदाबाद और मांडल में पीड़ित मरीजों की जांच और इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद ली जा रही है।

 हर मरीज से लिए 3100 रुपये: पीड़ित महिला
मकवाना ने बताया कि रामानंद नेत्र चिकित्सालय में सौ लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई। इन सभी लोगों की जांच के लिए वीरमगाम शहर में एक शिविर लगाया गया है। रामानंद नेत्र चिकित्सालय में इलाज करा रहे 12 मरीजों में दो महिलाओं ने कहा कि उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई है। एक अन्य महिला ने बताया कि अस्पताल ने सर्जरी के लिए हर मरीज से 3,100 रुपये लिए थे। 

हर मरीज की जांच कर रहे डॉक्टर
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के एम एंड जे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थलमोलॉजी के डॉक्टर योगेश अग्रवाल भी मांडल पहुंचे। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, हम हर मरीज की जांच कर रहे हैं। ताकि नुकसान की मात्रा का पता लगाया जा सके। हम सर्जरी के बाद दी गई दवाओं के नमूने भी एकत्र कर रहे हैं। अग्रवाल विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति का भी हिस्सा हैं। 

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