गुजरात में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश के चलते चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। इस बारिश और फिर बाढ़ से मौसम वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ गई है। पूरे राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। बाढ़ की चपेट में आने से कई लोगों की मौत भी हुई है। वहीं, अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है।
इस बारे में आधिकारिक बयान भी जारी हो चुका है। बयान के मुताबिक, टीम शीघ्र ही गुजरात के बाढ़ प्रभावित उन जिलों का दौरा करेगी, जहां 25 से 30 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा हुई थी। गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का नेतृत्व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक करेंगे।
गुजरात में भारी बारिश के कारण हाल बेहाल
गुजरात में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से कई शहरों में बाढ़ आ गई है। बिजली कनेक्शन टूटने से लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। राज्य में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं राज्य में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग, 66 राज्य राजमार्ग, 92 अन्य सड़कें और 774 पंचायत सड़कें मिलाकर 939 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। गुजरात में भारी बारिश और फिर बाढ़ से मौसम वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल जिस लो प्रेशर एरिया की हवाएं उत्तर पश्चिम की ओर बहनी थी वह अपनी दिशाएं भटक कर दूसरी दिशाओं में पहुंच गई। जिससे मौसम का पूरी ट्रेंड ही बदल गया है। वहीं, वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि आगे भी ऐसी परिस्थितियां बनी रह सकती हैं।
ये राज्य भी चरम मौसमी दशाओं से प्रभावित
मध्य प्रदेश और राजस्थान भी भारी से बहुत भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। इस साल हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से काफी नुकसान पहुंचा है। गृह मंत्रालय इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और यदि वे व्यापक नुकसान की सूचना देते हैं तो वहां भी आईएमसीटी को भेजा जाएगा। इस मानसून के दौरान कुछ अन्य राज्य भी भारी वर्षा, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह के निर्णय के मुताबिक बनाई गई आईएमसीटी
इसमें बताया गया है कि अगस्त 2019 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिये गए निर्णय के अनुसार गृह मंत्रालय ने इस साल आईएमसीटी का गठन किया। इस टीम ने बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित असम, केरल, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों का दौरा किया है।
नगालैंड के लिए भी आईएमसीटी का गठन किया गया है, जो जल्द ही राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। इससे पहले आईएमसीटी राज्य सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद ही आपदा प्रभावित राज्यों का दौरा करती थी। वहीं, अब यह टीम राज्य सरकार के ज्ञापन का इंतजार किए बिना मौके पर जाकर नुकसान का आकलन कर रही है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।