गुजरात दंगे की पीड़िता जाकिया जाफरी का निधन हो गया है. वह कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी थीं. एहसान जाफरी 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में 68 अन्य लोगों के साथ मारे गए थे. जकिया जाफरी ने दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए राज्य के उच्च अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कानूनी लड़ाई लड़ी.
जाकिया जाफरी का निधन उम्र संबंधी समस्याओं के कारण हुआ. उन्होंने अहमदाबाद में आखिरी सांस ली. वह 86 वर्ष की थीं. 2023 तक जाकिया गुलबर्ग सोसाइटी में अपने घर के अवशेषों का दौरा करती थीं. 2006 से गुजरात सरकार के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के कारण वह पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई का चेहरा बन गई थीं.
जाकिया के बेटे ने क्या कहा?
जाकिया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने पीटीआई को बताया कि मेरी मां अहमदाबाद में मेरी बहन के घर गई हुई थीं. वह अपनी सुबह की दिनचर्या पूरी कीं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ सामान्य रूप से बातचीत कर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने बेचैनी महसूस करने की शिकायत की. डॉक्टरों को बुलाया गया. करीब 11:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.