कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) में गुरुवार (13 नवंबर, 2025) को परिसर में नफरत भरे ग्राफिटी की घटना सामने आई। यह घटना दिल्ली के लाल किले पर हुए आतंकी हमले के अगले दिन आईएसआई के पुरुष छात्रावास के पास हुई।
जानकारी के अनुसार, दरवाजे पर पहले से लगा एक नोट था जिसमें कुत्तों के परिसर में प्रवेश पर रोक थी, लेकिन उसी स्थान पर एक समुदाय विशेष के नाम के साथ दो शब्द लिखे गए। इसी तरह का एक और नफरत भरा संदेश पास की दीवार पर भी पाया गया। छात्रों और शोधकर्ताओं ने घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
आईएसआई की निदेशक संघमित्रा बंदोपाध्याय ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि संस्थान हमेशा से ही बहुलतावादी और समावेशी परंपराओं के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि आईएसआई में शैक्षणिक और शोध कार्य बिना किसी लिंग, धार्मिक या भाषाई भेदभाव के किए जाते हैं।
निदेशक ने कहा कि इस मामले में शामिल व्यक्ति या समूह की पहचान के लिए जांच चल रही है। सेमेस्टर परीक्षाओं के बाद दोषियों को काउंसलिंग और सुधारात्मक उपायों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आईएसआई का गौरवशाली इतिहास इस तरह की घटनाओं से प्रभावित नहीं हुआ है और ऐसे लोग संस्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
संघमित्रा बंदोपाध्याय ने बताया कि जिस इलाके में यह ग्राफिटी लिखी गई, वह पूरी तरह से सीसीटीवी कवरेज में नहीं आता। इसकी फुटेज की जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसे किसी भी नफरत भरे पोस्टर पर रोक लगाने के उपाय किए जाएंगे।