वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी. मंगलवार को सर्वोच्च अदालत ने वक्फ से जुड़ी कुल 10 याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. इन याचिकाओं में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की कई धाराओं को संविधान विरोधी बताते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की गई है.

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और राजद नेता मनोज कुमार झा की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट में कई नई याचिकाएं भी दाखिल

इसके अलावा वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत में कई नई याचिकाएं दाखिल की गईं, जिन्हें अभी सूचीबद्ध किया जाना शेष है. जिन याचिकाओं को सूचीबद्ध नहीं किया गया है, उनमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, संभल से सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क द्वारा दायर याचिकाएं भी शामिल है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), तमिलगा वेत्री कझगम प्रमुख और अभिनेता से नेता बने विजय ने भी इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत का रुख किया है.

वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में कई राज्य भी पहुंचे अदालत

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के समर्थन में कई राज्यों ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, असम, राजस्थान और महाराष्ट्र ने सर्वोच्च अदालत में अर्जी दाखिल कर मामले में पक्षकार बनने की अनुमति मांगी है. राज्यों ने अपनी अर्जी में वक्फ संशोधन कानून 2025 का समर्थन किया है. इन राज्यों ने वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और एक अन्य याचिका में पक्षकार बनने की मांग की है.

कई राज्यों ने याचिकाकर्ताओं की दलील का किया विरोध

इन राज्यों ने कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की इस दलील का विरोध किया कि वक्फ संशोधन अधिनियम संविधान का उल्लंघन करता है. राज्यों की याचिकाओं में जोर देकर कहा गया है कि इसने संरचनात्मक सुधार, वैधानिक स्पष्टता और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय पेश किए हैं. राज्यों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि अधिनियम संसदीय समितियों, अंतर-मंत्रालयी चर्चाओं और हितधारक परामर्शों को शामिल करते हुए व्यापक विधायी और संस्थागत विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया था.

राजस्थान सरकार ने कहा है कि वक्फ संशोधन कानून न केवल संवैधानिक रूप से मजबूत और गैर-भेदभावपूर्ण है, बल्कि पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही के मूल्यों में भी निहित है और यह धार्मिक बंदोबस्त और व्यापक जनता दोनों के हितों की रक्षा करने का काम करता है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का समर्थन करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति देने की मांग की है.

नई याचिका पर सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट सहमत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कई प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक नयी याचिका को सूचीबद्ध करने के आग्रह पर विचार किए जाने पर सहमति व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की इस दलील पर गौर किया कि मामले में एक नई याचिका दायर की गई है और उसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए. मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि जिन मामलों में उल्लेख पर्चियां दी जाती हैं, हम उनमें ज्यादातर के मामले में एक सप्ताह के भीतर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर देते हैं.