तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश, कुछ जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद

तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मंगलवार को भारी बारिश हुई. इसके बाद भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव क्षेत्र और गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है. आईएमडी ने आगे कहा कि 27 नवंबर को यह चक्रवात में तब्दील हो सकता है. चक्रवात को देखते हुए राज्य के कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बारिश के कारण चेन्नई के ओएमआर रोड समेत कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला और सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात प्रभावित हुआ. इसके अलावा कुछ उड़ानों पर भी असर पड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, चेन्नई और आसपास के जिले चैंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर, उत्तरी तटीय शहर कुड्डालोर और नागपट्टनम सहित कावेरी डेल्टा क्षेत्र में बारिश देखने को मिली है. मयिलादुथुराई, विल्लुपुरम, नागपट्टनम, तिरुवरुर, तंजावुर और कुड्डालोर जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है. स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वे अधिकारी शामिल हुए जिन्हें वर्षा संबंधी कार्यों की निगरानी और समन्वय का कार्य सौंपा गया है.

27 नवंबर को चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है

आईएमडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि दबाव क्षेत्र को उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा 27 नवंबर को चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी संभावना है. इसके बाद, यह अगले दो दिनों तक श्रीलंका तट को छूते हुए उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा. मौसम विभाग ने तूफान का नाम ‘फेंगल’ रखा है.

मौसम विभाग के अनुमान के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सचिवालय में अधिकारियों की बड़ी बैठक की. इस बैठक में उन्होंने हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ और राज्य की टीम को तैनात का करने का निर्देश दिया. फिलहाल एनडीआरएफ और राज्य की टीम को तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टनम और कुड्डालोर जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है.

राहत शिविर और डॉक्टरों की टीम तैयार

बैठक में सीएम को बताया गया कि पर्याप्त संख्या में राहत शिविर और डॉक्टरों की टीम तैयार है. हालात पर करीब से नजर रखा ज रहा है. इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी की गई हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सबसे पहले निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जाना चाहिए.

सरकार ने मछुआरों को पहले ही समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी थी. इसके बाद अधिकांश नावें किनारे पर लौट आई हैं. वहीं, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को निकटतम बंदरगाहों पर जाने को कहा गया है. राज्य और जिला स्तर पर आपात परिचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं जो 24 घंटे सातों दिन काम करेंगे.

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