उत्तर बंगाल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भूस्खलन और पुल टूटने की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अधिकारियों के अनुसार, दार्जिलिंग जिले के मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। जिला प्रशासन और पुलिस राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।

दार्जिलिंग में सड़कों का संपर्क टूटा, यातायात ठप
लगातार बारिश से कई इलाकों का सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है। दुधिया क्षेत्र में भारी बारिश के बाद लोहे का पुल ढह जाने से सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग राज्य राजमार्ग (SH-12) पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। इसके चलते दार्जिलिंग की ओर जाने वाले मार्गों पर यातायात ठप है और कई गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं।

कालिम्पोंग में स्थिति गंभीर, प्रशासन अलर्ट पर
कालिम्पोंग जिले में भी भूस्खलन और जलभराव के चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की अपील की है और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने जताया शोक, मदद के निर्देश दिए
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता ने भारी बारिश और भूस्खलन में हुई जनहानि पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “दार्जिलिंग और कालिम्पोंग के कई हिस्सों में भारी बारिश से हुए नुकसान की खबरें बेहद दुखद हैं। कई लोगों की मौत हुई है और संपत्ति व बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।”
उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल होने के निर्देश दे दिए गए हैं। बिस्ता ने क्षेत्र के सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से भी समन्वय बनाकर प्रभावित लोगों तक समय पर सहायता पहुंचाने की अपील की है।

राहत कार्य जारी
दार्जिलिंग जिला पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमें भूस्खलन प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटी हैं। प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पहाड़ी इलाकों में यात्रा से बचने की सलाह दी है।