मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरेन भगत गिरफ्तार, ईडी अधिकारी बनकर 10 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप

ईडी ने अवैध वसूली के आरोपी हिरेन भगत को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। हिरेन भगत उर्फ रोमी भगत पर आरोप है कि उसने फर्जी ईडी अधिकारी बनकर कॉक्स एंड किंग्स कंपनी के प्रमोटर से करीब 10 करोड़ रुपये की उगाही की थी। हिरेन भगत पर पहले भी अवैध उगाही के आरोप लगे हैं और पिछले महीने ही हिरेन को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने 164 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में गिरफ्तार किया था। 

कारोबारी से 10 करोड़ रुपये की उगाही करने का आरोप
बीती 7 मार्च को ईडी ने हिरेन भगत उर्फ रोमी भगत के मुंबई स्थित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। ईडी ने सीए राजेश चतुर्वेदी के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिरेन भगत पर आरोप है कि उसने कॉक्स एंड किंग्स कंपनी के प्रमोटर अजय पीटर केरकर के पिता अजीत केरकर से 10 करोड़ रुपये की उगाही की थी। हिरेन ने अजीत से खुद को ईडी का अधिकारी बताया था। अजय केरकर पर करीब 10 बैंकों से धोखाधड़ी कर 3000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है और इस मामले में अजय न्यायिक हिरासत में है। 

नकली ईडी अधिकारी बनकर की धोखाधड़ी
हिरेन ने अजय के पिता अजीत से अजय के मामले में मदद करने का आश्वासन दिया और बदले में 10 करोड़ रुपये लिए। हिरेन ने अजीत को अजय के मामले की गई कार्रवाई की डिटेल्स भी साझा की थी, जिससे अजीत को भरोसा हो गया था कि हिरेन ईडी में अधिकारी है और उन्होंने हिरेन को कई बार पैसे दिए। बाद में जब अजय केरकर के मामले में कोई राहत नहीं मिली तो अजीत ने हिरेन को पैसे देने बंद कर दिए। इस पर हिरेन ने जेल में बंद अजय को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी। हिरेन को अजीत से सीए राजेश चतुर्वेदी ने ही मिलाया था। 

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