अगर ईडी मुझे बुलाएगी तो मैं भी जानें को तैयार, मेरा परिवार कर रहा सहयोग: प्रियंका वाड्रा

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने नेशनल हेराल्ड और पति रॉबर्ट वाड्रा को मिले ईडी के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मेरे पति रॉबर्ट वाड्रा ईडी के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं; अगर बुलाया गया तो मैं जाने के लिए तैयार हूं। इस दौरान प्रियंका ने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आमंत्रण का इंतजार कर रही हैं और आश्चर्य जताया कि उन्हें अभी तक क्यों नहीं बुलाया गया।

‘पीएम के सलाहकार उनको दे रहे गलत सुझाव’
नेशनल हेराल्ड मामले और रॉबर्ट वाड्रा से ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पीएम के सलाहकार इन दिनों गलत सलाह दे रहे हैं। जनता सच्चाई समझती है और एजेंसियों का दुरुपयोग कैसे किया जा रहा है…मेरे पति से (ईडी द्वारा) पूछा जा रहा है कि उन्होंने 17 साल पहले अपनी मां को 4 लाख रुपये क्यों दिए। ये किस तरह के सवाल हैं? नेशनल हेराल्ड (मामले) में भी, सब कुछ लोगों के सामने है…यह सब राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है। सभी आरोप झूठे हैं…पीएम को अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए।’

प्रियंका ने भाजपा के आरोपों को किया खारिज
वहीं भाजपा के इस आरोप को खारिज करते हुए कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एनजीओ यंग इंडियन शुरू करके नेशनल हेराल्ड की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने की कोशिश की, इस पर उन्होंने कहा कि कोई भी इन संपत्तियों को बेच नहीं सकता है या अपने उत्तराधिकारी या किसी और को नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह उनके नाम पर भी नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘फिर इसे संपत्ति हड़पना कैसे कहा जा सकता है?’ उन्होंने दावा किया कि आरोप झूठ का पुलिंदा है।

रॉबर्ट वाड्रा से पूछे जा रहे अप्रासंगिक सवाल- प्रिंयका
हरियाणा में वर्ष 2008 में भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की तरफ से अपने पति रॉबर्ट वाड्रा से की गई पूछताछ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार बुलाया जा रहा है और उनसे अप्रासंगिक सवाल पूछे जा रहे हैं, जैसे कि उन्होंने 17 साल पहले अपनी मां को 4 लाख रुपये क्यों दिए थे। वर्ष 2008 में हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में थी। प्रियंका गांधी ने दावा किया कि जब वह अपने परिवार के सदस्यों से पूछताछ के दौरान ईडी कार्यालय में प्रतीक्षा कर रही थीं, तो उन्होंने पाया कि अधिकांश लोगों को जबरन वसूली या राजनीतिक कारणों से बुलाया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार के सदस्य जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की रणनीति काम नहीं कर रही है।

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