शिकायत हो तो सूचना दें… हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव के बाद बोला ईसी

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के बाद इलेक्शन कमीशन ने एक बयान जारी किया. आयोग ने कहा कि यदि किसी राजनीतिक दल को चुनाव प्रक्रिया से संबंधित कोई वैध शिकायत है, तो वह आयोग को सूचित कर सकता है. हालांकि अब तक किसी भी पार्टी ने आयोग को कोई शिकायत नहीं दी है. आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई शिकायत मिलती है, जिसमें थोड़ी भी सच्चाई होगी, तो आयोग कड़े कदम उठाएगा.

आयोग ने यह भी कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल बेबुनियाद आरोप लगाकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, तो आयोग इसका सार्वजनिक जवाब देगा.

ईवीएम पर उठे सवाल और आयोग का जवाब

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर आयोग ने कहा कि इस पर कई बार आरोप लगाए गए हैं, जो अब तक बेबुनियाद साबित हुए हैं. इसके बावजूद अगर किसी राजनीतिक दल के पास कोई ठोस शिकायत है तो आयोग इसे गंभीरता से लेकर उचित जांच करेगा. आयोग ने कहा कि उसकी प्राथमिकता एक निष्पक्ष और सटीक चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करना है.

क्या है ईवीएम की तकनीकी विशेषता?

ईवीएम की पारदर्शिता और सटीकता पर आयोग ने विस्तृत जानकारी दी. आयोग का कहना है कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में अल्कलाइन बैटरी का उपयोग किया जाता है, जिसे उम्मीदवारों की उपस्थिति में सील किया जाता है. शुरुआत में ईवीएम की बैटरी 7.5 से 8 वोल्ट के बीच वोल्टेज प्रदान करती है और इस हिसाब से बैटरी की क्षमता 99% तक होती है. उपयोग के बाद बैटरी की क्षमता घटती जाती है, और जब बैटरी का वोल्टेज 5.8 वोल्ट यानी 10 प्रतिशत क्षमता पर पहुंचती है तो बैटरी बदलने का संकेत कंट्रोल यूनिट के डिस्प्ले पर दिखने लगता है.

इलेक्शन कमीशन ने ईवीएम की क्षमता को समझाया

आयोग ने कहा कि हमारी प्राथमिकता चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीकता को बनाए रखना है, ताकि लोकतंत्र की मजबूती बनी रहे. कमीशन ने ईवीएम की क्षमता को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया. आयोग ने कहा कि मतगणना के दिन बैटरी की बची हुई क्षमता मॉक पोल, वास्तविक पोल और प्रारंभिक वोल्टेज पर निर्भर करती है. आयोग ने कहा कि इस स्थिति को इस तरह से समझा जा सकता है जैसे दिल्ली से जयपुर जाने पर फुल टैंक ईंधन के साथ भी टैंक का लेवल अलग-अलग हो सकता है.

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