आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा पत्र, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए की कानून बनाने की मांग

कोलकाता महिला हत्याकांड के विरोध में देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कई अहम मांगें की हैं। आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और इसके लिए अधिनियम बनाने का अनुरोध किया।

आईएमए ने जेपी नड्डा से मांग की कि मसौदा विधेयक 2019 में महामारी रोग संशोधन अधिनियम, 2020 के संशोधित भाग और केरल सरकार के कोड ग्रे प्रोटोकॉल को शामिल किया जाए। आईएमए ने लिखा, ‘हम मांग करते हैं कि मसौदा विधेयक 2019 में महामारी रोग संशोधन अधिनियम, 2020 के संशोधित भाग और केरल सरकार के कोड ग्रे प्रोटोकॉल को शामिल करते हुए भारत के डॉक्टरों के मन में विश्वास पैदा करने के लिए एक अध्यादेश के रूप में घोषित किया जाए।’

केंद्र सरकार का जताया आभार

पत्र में आईएमए ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए केंद्र के प्रति आभार भी जताया है। हालांकि, एसोसिएशन ने कहा कि इन उपायों के बावजूद अभी भी देश में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। पत्र में पिछले चार डॉक्टरों की मौत का भी जिक्र किया गया है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई है।

पत्र में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की भी प्रशंसा की गई, जिसमें डॉक्टरों की सुरक्षा, रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति एवं आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना की आवश्यक कार्रवाई के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) को जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया गया था।

देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल

गौरतलब है कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और बेरहमी से हत्या की घटना के में आईएमए हड़ताल पर है और उसने ओपीडी सेवाएं निलंबित कर दी हैं। देशभर में कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।

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