नई दिल्ली। दिल्ली में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि उनके प्रमुख दायित्वों में से एक तीनों सेनाओं – थल, जल और वायु – में एकता और समन्वय को बढ़ाना है। उन्होंने इसे चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यंत आवश्यक कार्य बताया।

जनरल चौहान ने कहा कि सिविल-मिलिट्री फ्यूजन केवल रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर समग्र शक्ति और सुरक्षा का मापदंड भी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को ऐसे क्षेत्रों में नेतृत्व करने के निर्देश दिए हैं, जहां एकीकरण और सहयोग को बढ़ाया जा सके।

उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राज शुक्ला की किताब को प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि इसमें जो विचार दिए गए हैं, वे न सिर्फ वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य बल्कि भविष्य की रणनीतिक दिशा तय करने में भी मदद करेंगे।

कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उरी हमले के दौरान राज शुक्ला द्वारा सुझाए गए रणनीतिक दृष्टिकोणों ने उन्हें तैयार रहने में मदद की।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो किताबों का विमोचन किया। पहली किताब 'सिविल मिलिट्री फ्यूजन एज अ मेट्रिक ऑफ नेशनल पावर एंड कॉम्प्रेहेंसिव सिक्योरिटी' भारत की रणनीतिक सोच और नीतिगत समन्वय पर केंद्रित है, जबकि दूसरी किताब 'पोर्ट्रेट्स ऑफ वेलर: टाइमलेस मिलिट्री आर्ट' भारतीय सैन्य इतिहास और कला पर आधारित है।