नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद से इस पर बयानबाजी का सिलसिला जारी है। सियासी दलों की प्रतिक्रियाओं के बीच यह जानना दिलचस्प है कि देश के इस कानून के बारे में विदेश से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सीएए से जुड़े अमेरिका के बयान पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट संदेश दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में नागरिकता देने का कानून- सीएए पूरी तरह आंतरिक मामला है। अमेरिका या किसी अन्य देश का बयान सरकार के संज्ञान में है, लेकिन ऐसी प्रतिक्रियाएं गलत हैं। ऐसी टिप्पणियां अनुचित और गलत सूचना पर आधारित हैं।

अमेरिका के बयान पर भारत की दो टूक प्रतिक्रिया
सीएए के कार्यान्वयन पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान को लेकर रणधीर जायसवाल ने कहा, कई अन्य लोगों ने भी सीएए पर टिप्पणियां की हैं। सरकार का विचार है कि यह गलत है। ऐसे बयान अनुचित और गलत सूचना पर आधारित हैं। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति चिंता का कोई कारण नहीं। उनके साथ गलत व्यवहार का भी कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण सीएए कानून जैसे विचारों पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

सीमित समझ के आधार पर ज्ञान देने से बचना चाहिए
विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए सरकार की पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भारत की बहुलतावादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उन्हें कानून से जुड़े व्याख्यान देने का प्रयास नहीं करना चाहिए। भारत के सहयोगियों और शुभचिंतकों को उस नीयत और इरादे का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ सीएए कानून लागू करने जैसा कदम उठाया गया है।

विदेश मंत्रालय ने और भी मुद्दों पर दिया बयान
नागरिकता कानून (सीएए), रूस यूक्रेन युद्ध, हैती में हिंसा, म्यांमार की स्थिति और भूटान के प्रधानमंत्री के भारत दौरे जैसे मुद्दों पर एक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'आप अच्छी तरह से जानते हैं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है। कानून भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है जो नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों- हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के नागरिकों को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए कानून बनाया गया है।

नागरिकता छिनने का सवाल ही नहीं
31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके ऐसे लोगों को कानून के मुताबिक नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए कई अहम दस्तावेज भी जमा करने हैं। विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि सीएए कानून नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। इससे किसी की नागरिकता छिनेगी नहीं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक इस कानून से मानवाधिकारों को ताकत मिलने के साथ-साथ नागरिकों को मानवीय गरिमा भी मिलेगी। सरकार राज्यविहीन (Statelessness) होने के मुद्दे का प्रभावी समाधान कर सकेगी।

हैती संकट पर विदेश मंत्रालय का बयान; दूतावास खाली करने को भी तैयार

MEA Briefing Updates Spokesperson Randhir Jaiswal CAA India Internal Matter US and others comment unwarranted

हैती हिंसा पर विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दूतावास लगातार भारतीय समुदाय के संपर्क में है।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। हैती में संकट है और अगर जरूरत पड़ी तो दूतावास खाली करने का फैसला भी लिया जा सकता है। हम जगह खाली करने के लिए तैयार हैं। हैती में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर हालात पर नजर रखने और सूचना-सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय ने 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।

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म्यांमार में हालात बेहद नाजुक, नागरिकों को जाने से बचने की सलाह

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म्यांमार की वर्तमान स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत ने रखाइन राज्य के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। वहां स्थिति बहुत नाजुक है। सुरक्षा संबंधी स्थिति भी खराब है। हमने सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित जगहों पर जाने का सुझाव दिया था। हमारे जो नागरिक वहां हैं या किसी और देश से हैं, लेकिन संकटग्रस्त इलाकों में फंसे हुए हैं, उनसे कहा गया है कि वे प्रभावित इलाकों में जाने से बचें। सुरक्षा की स्थिति के कारण म्यांमार चिंता का विषय बना हुआ है। वहां लगातार संघर्ष हो रहा है। हालात अनुकूल नहीं हैं, लेकिन हम सभी पक्षों से शांति बहाली का आह्वान करते हैं। हम म्यांमार में स्थिरता चाहते हैं। हम रचनात्मक बातचीत और जुड़ाव के माध्यम से समावेशी और  संघीय लोकतंत्र स्थापित करने का आह्वान करते हैं।

भूटान के प्रधानमंत्री तोबगे ने पीएम मोदी को किया आमंत्रित

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भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने भारत दौरे पर पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को भूटान दौरे पर आमंत्रित भी किया। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, गुरुवार को भूटान के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भूटान आने का न्योता दिया। जहां तक दौरे की बात है, योजना बनने के बाद सरकार इसकी घोषणा करेगी। पीएम मोदी के भूटान दौरे के संबंध में आधिकारिक विवरण जल्द जारी किए जाएंगे।

डोभाल के इस्राइल दौरे पर क्या बोला विदेश मंत्रालय
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की इस्राइल यात्रा पर विदेश मंत्रालय ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में अरब देशों के कई नेताओं से भी संपर्क साधा है। एनएसए की इस्राइल यात्रा रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत में हुई है। एनएसए ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की। उन्होंने अपने इस्राइली समकक्ष से भी मुलाकात की। डोभाल ने कई अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच मानवीय सहायता बढ़ाने पर जोर दिया।