नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर कड़ा संदेश दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने कहा कि देश लंबे समय से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद और हथियारों की तस्करी का शिकार रहा है। उन्होंने बिना सीधे नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब ड्रोन के जरिए भी भारत में हथियार भेजे जा रहे हैं।

हरीश ने ‘स्मॉल आर्म्स’ पर आयोजित सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में कहा कि UNSC को ऐसे हथियारों की आपूर्ति और उपयोग को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटे हथियारों और गोला-बारूद की अवैध तस्करी, आतंकवादी संगठनों तक इनकी पहुंच, और सीमाओं के पार से आने वाला आतंकवाद भारत के लिए लंबे समय से गंभीर चुनौती रहा है।

लाल किला विस्फोट के बाद भारत का कड़ा बयान
दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए कार धमाके के बाद भारत ने यह बयान दिया है, जिसमें 10 लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। भारत ने स्पष्ट किया कि ऐसे हमले अक्सर उन हथियारों से किए जाते हैं, जो सीमा पार से तस्करी कर लाए जाते हैं।

हरीश ने कहा कि आतंकवादी समूहों को आधुनिक हथियार, वित्तीय सहयोग और तकनीकी सहायता बाहरी स्रोतों से मिलती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि अब समय आ गया है कि सभी देश मिलकर इस नेटवर्क को समाप्त करें।

भारत ने UNSC से की सख्त कार्रवाई की मांग
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह आतंकवादियों और सशस्त्र समूहों को हथियार उपलब्ध कराने वाले देशों और संगठनों पर कठोर और समन्वित कदम उठाए। हरीश ने कहा कि आतंकवाद के किसी भी रूप और उसे समर्थन देने वालों के प्रति “किसी तरह की सहिष्णुता” नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हथियार प्रतिबंध व्यवस्था संघर्ष क्षेत्रों में हथियारों के प्रवाह को रोकने का एक प्रभावी तरीका है, लेकिन इसे निष्पक्ष और सख्ती से लागू किया जाना आवश्यक है।

सीमा सुरक्षा और वैश्विक सहयोग पर जोर
भारत ने कहा कि छोटे और हल्के हथियारों की तस्करी केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि विकास और मानवीय पहलुओं पर भी प्रतिकूल असर डालती है। हरीश ने कहा कि इसके लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है—जिसमें सीमा सुरक्षा, खुफिया साझेदारी और सूचना आदान-प्रदान को मजबूत किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रोग्राम ऑफ एक्शन (PoA) और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट (ITI) को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है ताकि हथियारों की अवैध आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके।

भारत का संदेश स्पष्ट है: आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के प्रति अब किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी, चाहे वे कहीं भी हों।