रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों और जवानों को पदक से अलंकृत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मजबूत सुरक्षा प्रणाली के जरिये ही भारत सुरक्षित और समृद्ध बनेगा। रक्षा मंत्री ने तटरक्षक बल की सराहना की। साथ ही इसे विश्व की कुशल समुद्री सेनाओं में से एक बताया। 

ठ, तस्करी और अवैध मछली पकड़ने की, इसका सामना समुद्री सेना जैसे भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) करता है और हमेशा सतर्क रहता है। उन्होंने कहा कि आईसीजी इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रियता से काम कर रहा है। वह सामरिक सुरक्षा के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। आईसीजी अब मजबूत, भरोसेमंद होने के साथ ही विश्व की कुशल समुद्री सेनाओं में से एक बन गई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित और समृद्ध भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब इसकी सुरक्षा प्रणाली और सेना मजबूत हो। 

जवानों को दिए विशिष्ट सेवा, वीरता, सराहनीय सेवा पदक 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक बल के जवानों को वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा पदक भी प्रदान किए। कुल 32 पदक में से छह राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक, 11 तटरक्षक वीरता पदक और 15 तटरक्षक सराहनीय पदक दिए गए। यह पदक 2022, 2023, 2024 के लिए दिए गए। उन्होंने कहा कि यह पदक न केवल स्मृति चिह्न हैं, बल्कि यह तिरंगे के सम्मान को बनाए रखने के लिए बहादुरी, दृढ़ता और अटूट संकल्प का प्रतीक हैं। उन्होंने तटरक्षक बल के अभियानों की सराहना की। 

पिछले बार से ज्यादा बजट मिला
रक्षा मंत्री ने कहा कि तटरक्षक बल की दक्षता बढ़ाने के लिए मोदी सरकार काम कर रही है। आईसीजी को बजट में 9676.70 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया  है, जो पिछले बजट से 26.50 फीसदी ज्यादा है। यह आईसीजी को आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा 14 गश्ती जहाज, छह एयर कुशन वाहन, 22 इंटरसेप्टर नाव, छह अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज, 18 अगली पीढ़ी के तीव्र गश्ती जहाजों की खरीद को मंजूरी दी गई है। उन्होंने आईसीजी के तकनीकी विकास और डिजिटल तटरक्षक  परियोजना की भी सराहना की।