हैदराबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को साफ कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर समझौते का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने कई मौकों पर यह साबित किया है कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का जिक्र

राजनाथ सिंह ने जेआईटीओ (जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) के "जीतो कनेक्ट" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति के सबूत हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पहलगाम आतंकी हमले में लोगों को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया था, लेकिन भारत ने जब जवाबी कार्रवाई की तो उसने सिर्फ आतंकियों को टारगेट किया।

“हमने कभी धर्म नहीं देखा”

रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने कभी सैन्य ठिकानों या नागरिक आबादी को निशाना नहीं बनाया। अगर हम चाहते, तो कर सकते थे, लेकिन हमने सिर्फ उन आतंकियों पर वार किया जो हमलों के जिम्मेदार थे।” उन्होंने कहा कि भारत की ताकत बढ़ाने का उद्देश्य किसी देश पर दबदबा बनाना नहीं है, बल्कि भगवान महावीर की शिक्षाओं से प्रेरित धर्म, आस्था और मानवीय मूल्यों की रक्षा करना है।

रक्षा निर्यात में बड़ी छलांग

राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अनुमान है कि 2029 तक यह आंकड़ा 50,000 करोड़ के पार जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर है और अब भारत तेजस लड़ाकू विमान, आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक और प्रचंड हेलिकॉप्टर जैसी आधुनिक तकनीकें खुद बना रहा है।

“भारत बनेगा दुनिया की फैक्ट्री”

कार्यक्रम में उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और दुनिया की “फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड” के रूप में उभरेगा।

जैन समुदाय की सराहना

अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने जैन समुदाय की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “देश की कुल आबादी में जैन समाज का हिस्सा केवल 0.5 प्रतिशत है, लेकिन टैक्स योगदान में इसका हिस्सा लगभग 24 प्रतिशत है। यह पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा का विषय है।”