वायुसेना और थलसेना ने साथ मिलकर पैरा-ड्रॉप अभियान के तहत लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्र में आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब को पहुंचाया। आरोग्य मैत्री क्यूब दुनिया का पहला एयर-लिफ्ट पोर्टेबल अस्पताल है।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यह अपनी तरह का पहला सटीक पैरा-ड्रॉप अभियान है। इसे भीष्म परियोजना (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फार सहयोग हित एंड मैत्री) के तहत विकसित किया गया है। इस अभियान ने पहाड़ी क्षेत्रों में भी मानवीय सहायता और आपदा राहत के प्रभावी संचालन की क्षमता प्रदर्शित की है।
सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का किया उपयोग
सफल पैरा-ड्रॉप ने सशस्त्र बलों के तालमेल और समय पर और प्रभावी सहायता प्रदान करने की क्षमता को भी प्रदर्शित किया है। वायुसेना ने क्यूब को एयरलिफ्ट करने और सटीक रूप से पैरा-ड्रॉप करने के लिए अपने उन्नत सामरिक परिवहन विमान सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का उपयोग किया। थलसेना की पैरा ब्रिगेड ने उन्नत सटीक ड्रॉप उपकरणों का उपयोग करके क्यूब को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
केवल 720 किलोग्राम का है आरोग्य मैत्री क्यूब्स
यह पोर्टेबल हेल्थ क्यूब आपात स्थिति में मददगार हो सकते हैं। आरोग्य मैत्री क्यूब्स 72 क्यूब्स से बने हैं। वायुसेना के अनुसार, पोर्टेबल अस्पताल में दो मास्टर क्यूब होते हैं, प्रत्येक में 36-36 मिनी क्यूब होते हैं। इसका वजन 720 किलोग्राम है। जरूरत पड़ने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए केवल 12 मिनट में हवाईमार्ग से प्रभवित क्षेत्र में पहुंचाया जा सकता है। वायुसेना ने हाल ही में आगरा में भीष्म पोर्टेबल अस्पताल का परीक्षण किया था।
पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ समिट में की थी घोषणा
जनवरी 2023 में ग्लोबल साउथ समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आरोग्य मैत्री’ परियोजना की घोषणा की थी। इसके तहत भारत प्राकृतिक आपदाओं या मानवीय संकटों से प्रभावित किसी भी विकासशील देश को आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करेगा। यह उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से भी सुसज्जित है, जिसमें आपरेशन थियेटर, एक्स-रे मशीन, रक्त परीक्षण उपकरण, वेंटिलेटर, जनरेटर, स्ट्रेचर, माड्यूलर चिकित्सा उपकरण, शामिल हैं। फायरिंग में घायल होने, जलने, सर्जरी, फ्रैक्चर में ये मददगार हैं। सौर ऊर्जा और बैटरियों का उपयोग इसकी स्थिरता और दक्षता को और बढ़ाता है। इस क्यूब से 200 से अधिक रोगियों का इलाज हो सकता है।