भारतीय स्टार गुकेश ने बढ़ाया देश का मान, राष्ट्रपति मुर्मू से पीएम मोदी तक ने दी बधाई

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने बुधवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6.5 अंक से जीत लिया। इसी के साथ वह सबसे युवा विश्व चैंपियन बन गए। उन्होंने यह कारनामा 18 वर्ष की उम्र में किया। गुकेश की ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने उन्हें बधाई दी है। 

राष्ट्रपति ने कहा- विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनने पर गुकेश को हार्दिक बधाई। उन्होंने भारत को बहुत गौरवान्वित किया है। उनकी जीत शतरंज की महाशक्ति के रूप में भारत की साख को दर्शाती है। गुकेश ने बहुत बढ़िया काम किया है। हर भारतीय की ओर से मैं कामना करती हूं कि आप भविष्य में भी इसी तरह सफल होते रहें।

पीएम मोदी ने भी गुकेश को बधाई दी और उनकी तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने कहा- ऐतिहासिक और अनुकरणीय! डी गुकेश को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी खुद को गुकेश की तारीफ करने से रोक नहीं पाए। उन्होंने एक्स पर लिखा- 64 खानों के खेल में आपने अनंत संभावनाओं की दुनिया खोल दी है। बधाई हो डी गुकेश, सिर्फ 18 साल की उम्र में 18वें विश्व चैंपियन बनने पर। विशी (विश्वनाथन आनंद) के नक्शेकदम पर चलते हुए, अब आप भारतीय शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अगली लहर का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तरफ से भी नए विश्व विजेता को बधाई दी गई। बोर्ड ने लिखा- गुकेश डोमराजू को सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर बधाई। उन्होंने 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप में मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर इतिहास में सबसे युवा विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी गुकेश की जीत पर हर्ष जताया। उन्होंने कहा- गुकेश आपने पूरे भारत को गौरवान्वित किया है। मात्र 18 वर्ष की उम्र में, सबसे कम उम्र का विश्व शतरंज चैंपियन बनना एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। आपका जुनून और कड़ी मेहनत हमें याद दिलाती है कि दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भी संभव है। बधाई हो, चैंपियन।

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