दुनिया में भारतीय हथियारों की धाक, वियतनाम खरीद रहा ब्रह्मोस मिसाइल

भारत और वियतनाम 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की डील को अंतिम रूप देने के बेहद करीब हैं. दोनों देश इस डील से जुड़ी कई औपचारिकताओं पर काम कर रहे हैं. यह समझौता अगले कुछ महीनों के अंदर साइन किया जा सकता है. वियतनाम के रक्षा मंत्रालय ने टेक्नो कमर्शियल डिटेल्स पहले ही साझा और उस पर चर्चा कर ली है. वियतनाम ब्रह्मोस की ये मेगा डील अपनी सेना औरनौसेना दोनों के लिए करना चाहती है.

ब्रह्मोस मिसाइल को ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है, जो भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है. अगर यह डील पूरी होती है तो वियतनाम फिलीपींस के बाद ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वियतनाम डील के प्रारूप का इंतजार कर रहा है, जिसमें अंतिम राशि, डिलीवरी की समयसीमा, भुगतान की शर्तें शामिल होंगी. ब्रह्मोस डील पर चर्चा जारी है. जबकि वियतनाम ने पहले रूस से बैस्टियन-पी (K-300P) तटीय रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदी थी, जिसकी पहली डिलीवरी 2011 में हुई थी.

राजा सुब्रमणि का वियतनाम दौरा

हाल ही में भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस. राजा सुब्रमणि ने भी वियतनाम का दौरा किया था. अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान उन्होंने हनोई में राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में वियतनाम पीपल्स आर्मी (VPA) की 80वीं वर्षगांठ के समारोह में भी भाग लिया. सेना के एक बयान में कहा गया, यह दौरा दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को और मजबूत करता है, जो रणनीतिक साझेदारी और विश्वास पर आधारित है. यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे एक स्थिर और समृद्ध क्षेत्र सुनिश्चित किया जा सके.

2022 में भारत ने 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट्स दी थीं

साल 2022 में भारत ने वियतनाम को 100 मिलियन डॉलर के रक्षा ऋण के तहत निर्मित 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट्स सौंपी थीं. हाल ही में भारत ने स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कार्वेट आईएनएस किर्पाण वियतनाम को भेंट की थी. दोनों देशों के बीच एक पारस्परिक लॉजिस्टिक्स समर्थन समझौता है, जरूरत पड़ने पर दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य अड्डों के उपयोग की अनुमति भी देते हैं. भारत वियतनामी सैन्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है. फरवरी 2024 में वियतनाम के नौसेना जहाज ने भारत में अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मिलन में भाग लिया था.

ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में खास बातें

  • ब्रह्मोसएक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस ने मिलकर बनाया है. यह मिसाइल, रूस की पी-800 ओनिक्स क्रूज मिसाइल पर आधारित है. इसे पनडुब्बियों, जहाजों, लड़ाकू विमानों, या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. यह मिसाइल, 200 से 300 किलोग्राम वजन का पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है.
  • ब्रह्मोस मिसाइल को मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर (MAL) से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों के सभी तीनों विंगों में इस्तेमाल किया जाता है. ब्रह्मोस मिसाइल का नाम, भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है.

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