प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के बढ़ते कदम को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है. उन्होंने लिखा है भारत की रक्षा क्रांति का यह उड़ान काल है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कल भारत की रक्षा और एयरोस्पेस यात्रा में एक महत्वपूर्ण अवसर देखने को मिला. स्पेन सरकार के राष्ट्रपति और मेरे मित्र पेड्रो सांचेज़ की उपस्थिति में वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण परिसर का उद्घाटन किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में हाल के सालों में भारत की रक्षा उपलब्धियों पर विस्तार से लिखा है. उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां हमारा गौरव बढ़ाती हैं. महज दो साल में हम शिलान्यास से परिचालन सुविधा तक पहुंचे हैं. यह नई कार्य संस्कृति और भारतीयों की क्षमताओं का प्रतीक है.
आंकड़ों में देखें भारत की सफलता
- रक्षा उत्पादन बढ़कर ₹1.27 लाख करोड़ (2023-24) हुआ
- रक्षा निर्यात 2014 में ₹1,000 करोड़ से बढ़कर ₹21,000 करोड़ हो गया
- केवल 3 साल में 12,300+ वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया
- डीपीएसयू द्वारा घरेलू विक्रेताओं में ₹7,500 करोड़ से अधिक का निवेश
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% उद्योग-आधारित नवाचार के लिए समर्पित
हमारा संपूर्ण रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बदल रहा है
विनिर्माण सफलता:
- स्वदेशी युद्धपोत हमारे जल क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं
- भारत में निर्मित मिसाइलें हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रही हैं
- घरेलू स्तर पर उत्पादित बुलेटप्रूफ जैकेट हमारे सैनिकों की रक्षा करते हैं
- भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और अग्रणी रक्षा उपकरण निर्माता बनने के लिए भी काम कर रहा है
- रणनीतिक बुनियादी ढांचा:
- उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो आधुनिक रक्षा कोरिडोर
नवप्रवर्तन पहल:
- iDEX (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) संपूर्ण स्टार्टअप इको-सिस्टम को शक्ति प्रदान कर रहा है.
- एमएसएमई रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न अंग बन रहे हैं
- अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाली उद्योग-अकादमिक भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी युवा शक्ति की ताकत और कौशल तथा सरकार के प्रयासों को धन्यवाद, जिनकी बदौलत हम ये प्रभाव देख रहे हैं:
- आयात पर निर्भरता कम हुई
- रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- हमारे युवाओं के लिए कौशल विकास
- रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा मिल रहा है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय हमारी सेनाओं को रक्षा उपकरणों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा था लेकिन आज के आत्मनिर्भरता के युग तक-यह एक ऐसी यात्रा है जिस पर हर भारतीय को गर्व हो सकता है.
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं, स्टार्टअप्स, निर्माताओं और इनोवेटर्स को- भारत का रक्षा क्षेत्र बुला रहा है. यह इतिहास का हिस्सा बनने के लिए अहम अवसर है. भारत को आपकी विशेषज्ञता और उत्साह की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि नवप्रवर्तन के लिए दरवाजे खुले हैं, नीतियां मददगार हैं और अवसर अभूतपूर्व. हम साथ मिलकर भारत को न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बल्कि रक्षा विनिर्माण में ग्लोबल लीडर बनाएंगे. उन्होंने आहवान किया कि आइए मिलकर एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें.