भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस LCA AF MK1 ने बुधवार ( 12 मार्च) को ओडिशा के चांदीपुर तट से अस्त्र (ASTRA) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जिसका मतलब है कि यह दुश्मन के विमान को बिना देखे ही मार गिराने में सक्षम है. इस परीक्षण को एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मिलकर पूरा किया.

परीक्षण के दौरान स्वदेशी अस्त्र मिसाइल ने हवा में उड़ रहे अपने लक्ष्य को सटीकता से मार गिराया. इस दौरान सभी तकनीकी प्रणालियां सही ढंग से काम करती रहीं, जिससे यह साबित हो गया कि यह मिसाइल अपने लक्ष्य को पूरी ताकत और सटीकता से भेद सकती है. यह मिसाइल 100 किमी से अधिक दूरी तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है. एडवांस और नेविगेशन क्षमताओं से लैस इस मिसाइल को पहले ही भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा चुका है.

रक्षा तकनीक की दिशा में मील का पत्थर

यह सफलता भारत की रक्षा तकनीक को और मजबूत बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है. आने वाले समय में इस मिसाइल और तेजस विमान की और भी उन्नत क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा. यह सफलता ADA, DRDO, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की एकीकृत टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है. इसमें CEMILAC, DG-AQA, IAF और टेस्ट रेंज टीम का अहम योगदान रहा है.

अस्त्र मिसाइल की खासियत:

  • यह 100 किमी से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के विमान को मार गिराने में सक्षम है.
  • इसमें आधुनिक मार्गदर्शन (गाइडेंस) और नेविगेशन तकनीक लगी है.
  • यह दुश्मन के किसी भी विमान को आसानी से निशाना बना सकती है.
  • यह मिसाइल बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है.
  • यह दुश्मन के विमान को बिना देखे ही मार गिराने में सक्षम है.

राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर दी बधाई

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO, IAF, ADA और HAL की टीम को बधाई दी. वहीं, DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के योगदान की सराहना की. साथ ही प्रदर्शन मूल्यांकन की दिशा में आगे के परीक्षणों की योजना बनाई गई है. इस मिसाइल को पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था.