जद (एस) के बागी गुट ने सीके सानू को सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की जगह पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। इस बागी गुट को सी एम इब्राहिम जैसे नेताओं का समर्थन हासिल था। सानू को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से निष्कासित किया गया था। वह केरल सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
यहां नानू की ओर से बागी गुट की राष्ट्रीय महाधिवेशन बैठक बुलाई गई। बैठक में विद्रोही गुट ने खुद के वास्तविक जद (एस) घोषित किया और 'इंडिया' गठबंधन को समर्थन देने की घोषणा की।इस बागी गुट ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग (एनडीए) में शामिल होने का फैसला लेने के लिए गौड़ा के खिलाफ यह कदम उठाया है।उन्होंने इस संबंध में चुनाव आयोग जाने और पार्टी पर अपना दावा करने के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाने का भी फैसला किया है। देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जद (एस) ने शनिवार को इब्राहिम और नानू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री इब्राहिम ने बैठक के बाद कहा कि लोकसभा में अपने बच्चों के लिए दो सीटों के लिए 92 की उम्र में आपने (एचडी देवगौड़ा) विचारधारा का त्याग कर दिया। उन्होंने कहा,'हमने उन्हें (देवगौड़ा को) तीन मौके दिए। 16 अक्तूबर को हमने यहां एक बैठक की। नौ नवंबर को हमने केरल में एक बैठक की और फैसला (भाजपा के साथ जाने का) बदलने का अनुरोध किया। आप (गौड़ा) नहीं बदले। आखिरकार आज 11 दिसंबर को बंगलुरू में एक बैठक में हमने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया। सीके नानू को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। हमने उन्हें सभी राज्य समितियों के गठन की शक्तियां दी हैं।
'इब्राहिम ने आरोप लगाया, राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर देवगौड़ा ने पार्टी की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के खिलाफ फैसला किया। हमारी पार्टी का संविधान खुद कहता है कि किसी भी सांप्रदायिक पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं होना चाहिए। अगर ऐसे संबंध हैं तो ऐसा व्यक्ति जद (एस) का सदस्य नहीं हो सकता। देवगौड़ा विचारधारा के खिलाफ गए हैं। इसलिए आज के पूर्ण सत्र में उन्हें हटा दिया गया है। उनकी जगह नए अध्यक्ष को नियुक्त किया गया है।