पीएम-सीएम को हटाने संबंधी विधेयकों पर जेपीसी ‘तमाशा’, सदस्य नामित नहीं करेंगे: तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने संबंधी तीन विधेयकों की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को ‘तमाशा’ बताते हुए इसमें कोई सदस्य नहीं भेजने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किए थे। विपक्ष के विरोध और हंगामे के बाद इन्हें जेपीसी में भेजा गया।

टीएमसी ने जेपीसी को बताया तमाशा
पार्टी के बयान में कहा गया कि 130वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध प्रस्ताव के प्रारंभिक चरण में ही किया जा रहा है और उनके दृष्टिकोण से जेपीसी सिर्फ दिखावा है। इसलिए टीएमसी ने इसमें किसी सदस्य को नामित नहीं करने का निर्णय लिया। प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाया जा सकेगा। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 31 सदस्यों वाली समिति को संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी, जो नवंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है।

ममता बनर्जी ने विधेयकों का किया कड़ा विरोध
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले भी इन विधेयकों की आलोचना की थी। उन्होंने इन्हें भारत के लोकतांत्रिक तंत्र को स्थायी रूप से कमजोर करने वाला और सुपर आपातकाल से भी गंभीर कदम बताया। ममता ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों का मकसद एक व्यक्ति-एक पार्टी की प्रणाली को मजबूत करना है और ये संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने वाले हैं।

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