मांड्या (कर्नाटक)। मांड्या जिले में जमीन अधिग्रहण मुआवजा न मिलने के चलते एक किसान ने मंगलवार को आत्मदाह कर लिया। मूदानहल्ली गांव के 55 वर्षीय एम. डी. मंजेगोड़ा ने जिला आयुक्त कार्यालय के सामने स्थित कावेरी पार्क में पेट्रोल डालकर खुद को आग के हवाले किया।
स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद की और उन्हें मांड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से झुलसने के कारण मंजेगोड़ा को बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल स्थानांतरित किया गया, जहां बुधवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मंजेगोड़ा कई वर्षों से अपनी जमीन के अधिग्रहण मुआवजे का इंतजार कर रहे थे। उन्हें न तो मुआवजा मिला और न ही वैकल्पिक जमीन का प्रावधान किया गया।
मांड्या पुलिस ने कहा कि अभी तक परिवार की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद ही मामले की विस्तृत जांच शुरू की जाएगी।
यह घटना इलाके में संपत्ति अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया में चुनौतियों पर सवाल खड़े करती है।