बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। भाजपा के कर्नाटक अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा है कि अगर कांग्रेस दो हिस्सों में बंट जाए, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच विवाद का असर सीधे राज्य प्रशासन पर पड़ रहा है, और सरकार लगभग ठप हो चुकी है।

विजयेंद्र ने कहा कि 2023 में जनता ने कांग्रेस से उच्च उम्मीदें लगाई थीं, लेकिन ढाई साल के भीतर ही लोग निराश हो चुके हैं। विकास रुक गया है, युवा असंतुष्ट हैं और आंतरिक कलह के कारण प्रशासनिक कामकाज प्रभावित है। उन्होंने कांग्रेस से अपील की कि शीतकालीन विधानसभा सत्र की शुरुआत 8 दिसंबर से पहले आंतरिक मतभेदों को सुलझा लिया जाए, क्योंकि किसान मुआवजा और अन्य मुद्दों पर बड़े फैसलों की उम्मीद जनता कर रही है।

भाजपा नेता ने कहा, "डीके शिवकुमार काफी आक्रामक रुख में हैं। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस में दो गुट बन जाएं।"

वहीं, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नेतृत्व बदलने की अटकलों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है, न राहुल गांधी से, और न ही वे मुख्यमंत्री बनने की जल्दबाजी में हैं। मुंबई में पत्रकारों से उन्होंने कहा, "मैं केवल पारिवारिक कार्यक्रम में आया हूं। न कोई बैठक हुई है, न कोई चर्चा। अगर बैठक होगी तो वह दिल्ली या बंगलुरू में होगी।"

राजनीतिक हलचल तब और बढ़ गई जब 2023 में कथित सत्ता-शेयरिंग समझौते का जिक्र होने लगा। कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच यह समझौता हुआ था। हालांकि, मुख्यमंत्री के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने इसे पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, "ऐसा कोई समझौता हुआ ही नहीं। मेरे पिता ने कभी इस बात का उल्लेख नहीं किया।"

यह विवाद न केवल कांग्रेस के आंतरिक समन्वय पर सवाल उठा रहा है, बल्कि विधानसभा सत्र से पहले राज्य प्रशासन की कार्यक्षमता पर भी असर डाल सकता है।