मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने पेश हुए कार्ति चिदंबरम

चीन के नागरिकों को 2011 में वीजा जारी करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को ईडी के सामने पेश हुए। गौरतलब है कि एक महीने से भी कम समय में उनकी तीसरी पेशी थी। इस मामले में पिछले साल 23 दिसंबर और दो जनवरी को पूछताछ की गई थी। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम(पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया था। शुक्रवार को कार्ति चिदंबरम सुबह तीसरी बार दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय पहुंचे थे। कार्ति चिदंबरम ने मामले में मिले समन को एक नियमित प्रतिक्रिया बताया था। गौरतलब है कि पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया मनी लॉन्ड्रिंग मामला सीबीआई की एफआईआर से सामने आया था। 

सीबीआई की दर्ज एफआईआर में जांच वेदांत समूह की कंपनी टीएसपीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के तौर पर 50 लाख रुपये दिए जाने के आरोपों से संबंध हैं, जो पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी। सीबीआई के मुताबिक बिजली परियोजना लगाने का  काम चीन की एक कंपनी द्वारा किया जा रहा था। टीएसपीएल के कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए 50 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था। 

बता दें सीबीआई ने पिछले साल कार्ति चिदंबरम से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की थी, इस दौरान भास्कररमन को गिरफ्तार किया गया था। वहीं मामले में कार्ति चिदंबरम से पूछताछ की गई थी। कार्ति चिदंबरम ने कहा था कि मेरे जरिए पिता पी चिदंबरम को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से ईडी द्वारा आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों की जांच के साथ कार्ति के खिलाफ यह तीसरा मनी लॉन्ड्रिंग मामला है।

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