एर्नाकुलम–बंगलूरू वंदे भारत एक्सप्रेस में कुछ स्कूली बच्चों द्वारा आरएसएस का गीत गाने को लेकर केरल सरकार ने रविवार को जांच का आदेश दिया। राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने शिक्षा निदेशक (डीपीआई) को निर्देश दिया है कि वे मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार करें। मंत्री ने कहा कि सरकारी आयोजनों में बच्चों का किसी राजनीतिक या साम्प्रदायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट किया, “जांच के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

विपक्ष ने जताया विरोध
कांग्रेस और वाम दलों ने इस घटना की निंदा की है। कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने इसे भाजपा द्वारा केरल को साम्प्रदायिक बनाने का प्रयास बताया। सीपीएम के वरिष्ठ नेता एमए बेबी ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए चुनौती है और सरकारी कार्यक्रमों में किसी संगठन का प्रचार उचित नहीं।

केंद्रीय मंत्रियों और स्कूल ने किया बचाव
हालांकि, दो केंद्रीय मंत्रियों ने बच्चों के गीत को उत्साहपूर्ण बताया। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, “बच्चों ने अपनी इच्छा से गाया। इसमें कोई उग्रता नहीं है।” केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने भी कहा कि यह गीत भारत विरोधी नहीं बल्कि एक देशभक्ति गीत है।

स्कूल के प्रिंसिपल दिन्तो केपी ने भी बच्चों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह स्कूल का अपना मलयालम देशभक्ति गीत है और रेलवे या किसी अन्य ने इसे गाने के लिए नहीं कहा। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर बच्चों को ट्रोल किया जा रहा है और स्कूल इसे लेकर कानूनी कदम उठाने को तैयार है, यदि शिक्षा विभाग कार्रवाई करता है।

मामले की शुरुआत
यह विवाद वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन समारोह के दौरान शुरू हुआ, जब बच्चों ने अपना गीत गाया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकारी कार्यक्रम में किसी संगठन का गीत शामिल करना असंवैधानिक है।

रेलवे ने वीडियो पुनः पोस्ट किया
विरोध के बाद दक्षिण रेलवे ने वीडियो पहले हटा दिया था, लेकिन रविवार को इसे फिर से पोस्ट किया। रेलवे ने लिखा कि “सरस्वती विद्यालय के छात्रों ने एर्नाकुलम–बंगलूरू वंदे भारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान अपना स्कूल गीत प्रस्तुत किया।”