केरल: हिंदू-मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के मामले में दो आईएएस अधिकारियों निलंबित

केरल में आईएएस अधिकारी के मोबाइल नंबर से एक समुदाय के अफसरों के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप मामले में विवाद अभी थमा नहीं है। अब राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

किन अधिकारियों पर गिरी गाज?
दरअसल, केरल उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक के गोपालकृष्णन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका मोबाइल हैक कर लिया गया और उसके बाद इसका इस्तेमाल ‘मल्लू हिंदू ऑफिसर्स’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए किया गया। हालांकि, जांच पड़ताल के बाद अब राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। वहीं, कृषि विभाग के विशेष सचिव एन प्रशांत को पिछले तीन दिनों में सोशल मीडिया पर एक अन्य आईएएस अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ए जयतिलक के खिलाफ कई पोस्ट करके हलचल मचाने के आरोप में निलंबित किया है। 

शारदा मुरलीधरन की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
यह दोनों अधिकारी हाल ही में काफी विवादों में रहे। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को दोनों को निलंबित करने का फैसला लिया। इससे पहले दिन में, राजस्व मंत्री के राजन ने कहा था कि सरकार अधिकारियों को अपनी मर्जी से काम करने की अनुमति नहीं देगी। अधिकारियों को मानदंडों और प्रक्रिया के अनुसार काम करना होगा।

जानकारी के मुताबिक गोपालकृष्णन ने ही ‘मल्लू हिंदू अधिकारी’ नाम का वॉट्सएप ग्रुप बनाया था। इसके अलावा उन्होंने पुलिस से कहा था कि उनके फोन के हैक कर लिया गया और यह ग्रुप उन्होंने नहीं बनाया है। वहीं, एन प्रशांत पर अडिशनल चीफ सेक्रेटरी ए जयतिलक को सोशल मीडिया पर टारगेट करने और कई अधिकारियों को करियर बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप है। चीफ सेक्रेटरी ने उनके बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी थी।

पुलिस ने किया ये दावे
आरोप है कि गोपालकृष्णन ने मल्लू हिंदू ऑफिसर और मल्लू मुस्लिम ऑफिसर नाम के वॉट्सएप ग्रुप बनाए थे। पुलिस को गोपालकृष्णन के दावे सही नहीं मिले। उनपर गलत शिकायत दर्ज करवाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप है। केरल पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के जिस फोन से बने व्हाट्सएप अकाउंट का इस्तेमाल धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया था उसे पूरी तरह से रीसेट कर दिया गया, जिसकी वजह से फोरेंसिक जांच में भी यह पता नहीं चल पाया कि उसे हैक किया गया था, जैसा अधिकारी ने दावा किया था।

हैक नहीं हुआ था आईएएस अधिकारी का फोन 
पुलिस के हवाले से आई कई खबरों में दावा किया गया था कि आईएएस अधिकारी का फोन हैक नहीं हुआ था, लेकिन तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त स्पर्जन कुमार ने कहा था कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उपकरण से छेड़छाड़ की गई थी या नहीं, क्योंकि इसे ‘रीसेट’ किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट राज्य के पुलिस विवादास्पद वॉट्सएप ग्रुपख शेख दरवेश साहेब को दे दी है।

डीजीपी कार्यालय ने कहा था कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे राज्य सरकार को भेज दिया जाएगा। पुलिस ने आईएएस अधिकारी की शिकायत के बाद मामले की जांच की। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके व्यक्तिगत वॉट्सएप नंबर को हैक कर लिया गया है और उसका इस्तेमाल एक धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया। व्हाट्सएप ग्रुप में विभिन्न समुदायों के अधिकारियों को जोड़ा गया था और ग्रुप को ‘हिंदू समुदाय समूह’ के रूप में प्रस्तुत किया गया था। अधिकारी ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई और ग्रुप को निष्क्रिय कर दिया।

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