राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विधेयक को वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो चिंता पैदा करते हैं, लेकिन सरकार आंकड़ों और संख्याबल के आधार पर बिल को पारित कराने पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को बिल वापस लेना चाहिए, इससे समाज में तनाव और वैमनस्य बढ़ने का डर है।
शायराना अंदाज में सरकार से विधेयक को वापस लेने की अपील करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा;
वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले
भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं
बड़ा हसीन है उनकी जुबान का जादू
लगा के आग बहारों की बात करते हैं
मिली कमान तो अटकी नजर खजाने पर
नदी सुखा कर किनारों की बात करते हैं
वही गरीब बनाते हैं आप लोगों को
वही नसीब के बारे में बात करते हैं
सिब्बल बोले- चार राज्यों की 10 लाख एकड़ जमीन पर हिंदू मंदिर और दूसरे तीर्थस्थान
खरगे से पहले राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल ने भी विधेयक का पुरजोर विरोध किया। कपिल सिब्बल ने लाहौर हाईकोर्ट समेत कई अदालती फैसलों का हवाला देते हुए कहा, केवल ये कहना कि सिर्फ मुस्लिम ही वक्फ दे सकते हैं, चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों में वक्फ संपत्तियों की निगरानी कर सकती है। सरकार को ये ध्यान रखना होगा कि तमिलनाडु समेत केवल चार राज्यों में ही 10 लाख एकड़ जमीन पर हिंदू मंदिर और दूसरे तीर्थस्थान बने हैं। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में जरूरी सुधार किए जाने चाहिए।
संपत्ति पर महिलाओं का भी अधिकार होना चाहिए
महिलाओं के अधिकार का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा कि संपत्ति पर महिलाओं का भी बराबर हक होना चाहिए। सरकार को इस संबंध में कानून बनाने का आश्वासन देना चाहिए। वक्फ बोर्ड को को वैधानिक इकाई बताते हुए सिब्बल ने कहा, इसमें सरकार नियुक्तियां करती रही है। इसमें अगर कोई गलती या कुप्रबंधन होता था तो मुतलवल्ली के कारण होता था। इसे सुधारने की जरूरत है। सिब्बल ने कहा कि वे विधेयक के विरोध में अपना मतदान करेंगे। हालांकि, सरकार को समझना चाहिए कि वास्तविक रूप से वक्फ का मुद्दा कुछ और है।