भारतीय विदेश मंत्री जापान दौरे पर हैं। जापान में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री से लोकसभा चुनाव को लेकर सवाल किए गए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दावा किया कि उन्हें 100 फीसदी विश्वास है कि उनकी सरकार 15 वर्षों या उससे भी ज्यादा समय तक सत्ता में रहेगी। साथ ही जयशंकर ने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल का भी जवाब दिया।
'हम 15 वर्षों तक सत्ता में रहेंगे'
कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि '100 फीसदी हम 15 वर्षों तक देश को स्थायी सरकार देंगे और हो सकता है कि यह और भी आगे तक चले। जयशंकर ने कहा कि एक दूरदर्शी और फैसले लेने वाली सरकार के पास बहुमत होना बहुत जरूरी होता है। सौभाग्य से भारत में जो अभी सरकार है, उसके पास देश को विकास की राह पर ले जाने वाला विजन और संसद में बहुमत दोनों है। इसका असर देश में आने वाले विदेशी निवेश और व्यापार जगत पर भी पड़ता है।' जयशंकर ने विश्वास जताया कि 15 और उससे भी ज्यादा समय तक उनकी सरकार सत्ता में रहने वाली है।
लोकसभा चुनाव लड़ने पर क्या बोले जयशंकर?
कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री से सवाल किया गया कि क्या वह आगामी आम चुनाव में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इस पर जयशंकर ने कहा कि 'इसका फैसला पार्टी करेगी क्योंकि ऐसे राजनीतिक फैसले पार्टी नेतृत्व ही करेगा। मैं अभी पिछले साल उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुआ हूं और मेरी संसद सदस्यता सुरक्षित है, लेकिन मेरे चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी ही करेगी और मैं इसका जवाब नहीं दे सकता।'
क्वाड को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्वाड में हम ऊर्जा और तकनीक के मुद्दे पर चर्चा करते हैं, लेकिन अभी परमाणु ऊर्जा को लेकर विस्तृत चर्चा नहीं हुई है। जैसे जैसे क्वाड की बैठकों का आयोजन हो रहा है, उसमें नए-नए मुद्दे जुड़ते जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की फिर उठाई मांग
एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिर से सुधार की मांग उठाई। जयशंकर ने कहा कि 'हम में से अधिकतर ये बात समझते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत है। जब संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ, उस वक्त करीब 50 देश इसके सदस्य थे। आज ये आंकड़ा 200 पहुंच गया है। अगर किसी संगठन में सदस्यता चार गुना तक बढ़ गई है तो संगठन का नेतृत्व और उसके फैसले लेने की प्रक्रिया में भी पुराने ढर्रे पर नहीं चल सकती। आज हम यही परेशानी देख रहे हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि बदलाव की जो चर्चा चल रही है, उस पर कोई प्रगति नहीं हो रही है और बदलाव को रोकने के लिए इसमें देरी की जा रही है।' क्या चीन भी वैश्विक दक्षिण का हिस्सा है? इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि जो ग्लोबल साउथ समिट आयोजित किए गए, उनमें चीन शामिल नहीं था।
रूस यूक्रेन युद्ध
रूस यूक्रेन युद्ध पर भारत के स्टैंड पर विदेश मंत्री ने कहा कि 'दुनिया एक मुश्किल जगह है और दुनिया में कई सिद्धांत और विश्वास हैं। वैश्विक राजनीति में देश कोई एक मुद्दा, एक परिस्थिति और एक सिद्धांत की बात करते हैं और वो इस पर बात इसलिए करते हैं क्योंकि उसमें उनका फायदा होता है। लेकिन हम इसे ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं क्योंकि देश को आजादी मिलने के तुरंत बाद ही हमारे खिलाफ आक्रमण हुआ और हमारी सीमाओं को बदलने की कोशिश हुई, लेकिन तब दुनिया ने कोई आवाज नहीं उठाई। आज जो बातें हो रही हैं, काश वो बीते 80 वर्षों में भी हुईं होती तो अच्छा होता।'
जयशंकर ने दिवंगत पीएम शिंजो आबे की पत्नी से की मुलाकात
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के दिवंगत पीएम शिंजो आबे की पत्नी से भी मुलाकात की और उन्हें पीएम मोदी का निजी पत्र सौंपा। जयशंकर ने शुक्रवार को एकी आबे से मुलाकात की और भारत और जापान के रिश्तों में पूर्व पीएम के योगदान की सराहना की। शिंजो आबे की 8 जुलाई 2022 को 67 साल की उम्र में मौत हो गई थी। विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का एक पत्र भी एकी आबे को सौंपा, जिसमें पीएम मोदी ने शिंजो आबे की मां आके आबे के निधन पर अपनी संवेदनाएं साझा की।