केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने रविवार को लोकायुक्त के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एम. चंद्रशेखर को 'ब्लैकमेलर' और 'अपराधी' करार दिया। चंद्रशेखर 2007 के खनन पट्टा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रमुख हैं। कुमारस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'चंद्रशेखर ने अपने सहयोगियों को एक पत्र लिखा है। मैं जानता हूं कि वह पत्र किसने और कहां तैयार किया है। इसका खुलासा समय आने पर करूंगा।'
कुमारस्वामी ने उस पत्र का हवाला दिया, जिसमें चंद्रशेखर ने लिखा था, "आज एसआईटी ने अपराध संख्या 16/14 में एक आरोपी (एच.डी.कुमास्वामी) ने एक् प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए और धमकी दी।" उन्होंने कहा, "एसआईटी ने सक्षम प्राधिकरण से आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। आरोपी ने हमें हमारे कर्तव्यों को निभाने से रोकने के लिए ऐसा किया है। लगता है कि उनका मकसद एसआईटी के अधिकारियों डर पैदा करना है।"
"लेकिन एक आरोपी चाहे कितना भी ताकतवर हो, आखिरकार आरोपी ही होता है। हम ऐसे आरोपों और धमकियों से हतोत्साहित हीं होंगे। मैं एसटीआईटी के प्रमुख के रूप में आपसे वादा करता हूं कि मैं बिना किसी डर या पक्षपात के काम करूंगा और सभी मामलों में न्याय दिलाने की कोशिश करूंगा। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं आपोक सभी बाहरी प्रभावों से सुरक्षित रखूंगा।"
यह अवैध खनन मामला इस आरोप से जुड़ा है कि कुमारस्वामी ने 2006 से 2008 के बीच मुख्यमंत्री रहते हुए बेल्लारी जिले में श्री साई वेंकेटश्वरा मिनरल्स (एसएसवीएम) को 550 एकड़ का खनन पट्टा अवैध रूप से मंजूर किया था, जो कानून का उल्लंघन माना जाता है। पत्र के जवाब में कुमारस्वामी ने कहा, मैं इस मामले में एक आरोपी हो सकता हूं। लेकिन वह अधिकारी पुलिस के भेष में एक अपराधी है। उनके खिलाफ कई आपराधिक गतिविधियों के आरोप हैं। उन्होंने आगे कहा, वह एक ब्लैकमेलर हैं, जो बंगलूरू में लूटपाट कर रहा है...मेरे पास इसके सबूत हैं।
चंद्रशेखर ने जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का एक उदाहरण देते हुए कहा, सुअरों के साथ कुश्ती मत करो। दोनों गंदे हो जाते हैं और सुअर को यही पसंद होता है। लेकिन, हम अपने दायित्व का पालन करने के दौरान अपराधियों और आरोपियों का सामना करने से नहीं बच सकते। कुमारस्वामी ने चंद्रशेखर की पृष्ठभूमि पर भी यह कहते हुए सवाल उठाए कि वह आंध्र प्रदेश से हैं और हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, वह पिछले 25 वर्षों से यहां हैं। वह यहां क्यों हैं? क्योंकि हिमाचल प्रदेश का मौसम उन्हें सूट नहीं करता।
वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कुमारस्वामी और आईपीएस अधिकारी के बीच विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, उन्होंने एडीजीपी पर कुछ आरोप लगाए हैं। एडीजीपी ने जवाब दिया है। मुझे बस इतना पता है।