मदुरै: मदुरै की मेयर और डीएमके नेता इंद्राणी पोनवासंथ ने करोड़ों रुपये के संपत्ति कर घोटाले के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन इस समय विशेष जांच दल (SIT) लगभग 200 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहा है, जिसमें संपत्ति कर रिकॉर्ड में व्यापक हेरफेर शामिल है।

पति पहले ही गिरफ्तार: एनडीटीवी के अनुसार, इंद्राणी ने कॉल का जवाब नहीं दिया, जबकि उनके पति पोन वसंत, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं।

घोटाले का दायरा: अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला 2022 और 2024 के बीच हुआ, जब कथित तौर पर लगभग 150 वाणिज्यिक भवनों के संपत्ति करों का कम मूल्यांकन किया गया। एक जनहित याचिका में अन्नाद्रमुक पार्षद ने दावा किया कि इससे नगर निगम को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब तक कम से कम आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें एक पूर्व सहायक आयुक्त भी शामिल हैं।

धोखाधड़ी का पता: पिछले साल एक नियमित ऑडिट के दौरान धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, जिसके बाद तत्कालीन मदुरै निगम आयुक्त दिनेश कुमार ने 6 सितंबर 2024 को पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि निगम के कर्मचारियों, अनुबंध कर्मचारियों और बिचौलियों के नेटवर्क ने सॉफ्टवेयर प्रणाली में कर डेटा में हेरफेर किया, जिससे वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के बिना कर देनदारियों में कमी की गई।

एसआईटी का गठन: इस साल जुलाई में मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिण क्षेत्र) और मदुरै पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में SIT गठित करें। इसके बाद DIG अभिनव कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच इकाई का गठन किया गया।

राजनीतिक प्रभाव: इस घोटाले ने राजनीतिक सुर्खियां भी बटोरीं, जब अन्नाद्रमुक पार्षद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डीएमके संचालित निगम पर व्यवस्थागत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस मामले के मद्देनजर मदुरै निगम के सभी चार क्षेत्रीय अध्यक्षों को पद छोड़ने का निर्देश भी दिया।

इंद्राणी पोनवासंथ का यह इस्तीफा और SIT की जांच मदुरै में डीएमके प्रशासन की जवाबदेही और नगर निगम की पारदर्शिता पर नए सवाल खड़े कर रही है।