लोकसभा में महुआ मोइत्रा ने जस्टिस लोया की मौत पर उठाया सवाल, दो बार रोकनी पड़ी कार्यवाही

लोकसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जस्टिस लोया की मौत पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जस्टिस लोया तो अपने समय से बहुत पहले ही इस दुनिया से विदा हो गए. मोइत्रा की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद संदन में हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने संदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया.

मोइत्रा की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि तीन जजों की बेंच मामले को सेटल कर चुकी है. ऐसे में सदन में ऐसा कहने पर इन पर उपयुक्त संसदीय कार्यवाही होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संसद सदस्य के बयान पर स्पीकर संज्ञान लें. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही करीब आधे घंटे तक स्थगित रही.

‘बुलडोजर जस्टिस’ को लेकर बीजेपी को घेरा

लोकसभा को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने ‘बुलडोजर जस्टिस’ को लेकर भी बीजेपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां सरकार का जबरन वसूली विभाग बन गई हैं. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 360 को हटाए जाने को लेकर भी मोइत्रा ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला और कहा कि राज्य के लोगों की बोलने की आजादी बाधित हो गई है.]

मोइत्रा ने लोकसभा में ‘संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. टीएमसी सांसद ने कहा कि पिछले 10 साल में राजनीतिक ओहदेदारों ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने किया पलटवार

लोकसभा में टीएमसी सांसद की ओर से कही गई बातों का सत्ता पक्ष ने विरोध किया. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जब मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो पीठासीन सभापति कुमारी सैलजा ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दीं. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला सदन में पहुंचे और उनके अनुमति देने के बाद बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने कहा कि जस्टिस लोया की मौत का जिक्र टीएमसी सांसद ने किया है, उनकी असामयिक मौत की पुष्टि अन्य न्यायाधीशों ने भी की थी.

क्या बोले संसदीय कार्य मंत्री किरेन

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि टीएमसी सदस्य ने जस्टिस लोया के बारे में जो कहा वह बहुत गंभीर विषय है. न्यायपालिका में सारा मामला खत्म हो चुका है. यह एक सेटल्ड केस है. न्यायाधीशों के बीच दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. इसमें किसी का कोई हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता. टीएमसी सांसद ने जिस तरह का बयान दिया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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