कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर राज्य में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े दो विवादास्पद मुद्दों पर तत्काल दखल देने की मांग की है। पत्र में उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के हालिया आदेश और चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर चिंता जताई है।

पत्र में ममता ने राज्य के CEO द्वारा जिलाधिकारियों को अनुबंधित डाटा एंट्री ऑपरेटर्स और बांग्ला सहायता केंद्र (BSK) के कर्मचारियों को एसआईआर या अन्य चुनावी कार्यों में न लगाने के निर्देश का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने यह सवाल उठाया कि जब जिला कार्यालयों में पहले से ही पर्याप्त कर्मी मौजूद हैं, तो पूरी सालभर की अवधि के लिए बाहरी एजेंसी से कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने इसे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाने वाला बताया।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने निजी आवासीय परिसरों में मतदान केंद्र स्थापित करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि ऐसे केंद्र निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं और आम जनता व निवासियों के बीच भेदभाव की स्थिति पैदा कर सकते हैं। ममता ने पत्र में दोहराया कि मतदान केंद्र पारंपरिक रूप से सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थानों में ही होने चाहिए, ताकि सभी के लिए समान पहुंच और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी सवाल उठाया कि क्या ये कदम किसी राजनीतिक दल के दबाव में उसके हित साधने के लिए उठाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के फैसलों से चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

ममता बनर्जी ने इस पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है, जिससे यह मुद्दा सार्वजनिक नजरों में भी आया है।