राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों, महिला प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच मंगलवा को झड़प हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले सोमवार से ख्वाइरामबंद महिला बाजार में डेरा डाले सैकड़ों छात्रों ने बीटी रोड के साथ राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस भवन के पास सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।

मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। इस बीच मौजूदा हालात के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है। थौबल में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पूरे राज्य में अगले पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में 10 सितंबर को दोपहर तीन बजे से 15 सितंबर को दोपहर 3 बजे तक पांच दिनों के लिए लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित/रोकने का आदेश दिया गया है।

Manipur: Security forces fire tear gas shells as students attempt to march towards Raj Bhavan

आदेश में क्या कहा गया?
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, 'मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए यह आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, अभद्र भाषा और घृणास्पद वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है। भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों से जान-माल की हानि, सार्वजनिक, निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंच सकता है। 

आदेश में कहा गया है, 'राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों की साजिशों और गतिविधियों को नाकाम करने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने, जानमाल के नुकसान या खतरे को रोकने, सार्वजनिक हित में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त उपाय करना जरूरी हो गया है। इसमें विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टैबलेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए गलत सूचना और झूठी अफवाहों के प्रसार को रोकना और भीड़ जुटाने के लिए बल्क एसएमएस भेजना शामिल है।

आदेश में मणिपुर सरकार के संयुक्त सचिव (गृह) ने कहा कि मैं मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश देता हूं।

Manipur: Security forces fire tear gas shells as students attempt to march towards Raj Bhavan

तीन जिलों में निषेधाज्ञा लागू
इससे पहले छात्रों के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद राज्य के तीन जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, जबकि थौबल में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। आदेश में कहा गया है, 'जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण कर्फ्यू में छूट से संबंधित पूर्व के आदेश तत्काल प्रभाव से 10 सितंबर को सुबह 11 बजे से रद्द कर दिए गए हैं, इसलिए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से इंफाल पूर्वी जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।'

इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी द्वारा जारी एक अन्य आदेश में कहा गया है, 'पहले के सभी आदेशों को निरस्त करते हुए 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में ढील की अवधि आज सुबह 11 बजे से हटाई जाती है। पिछले साल एक सितंबर से लोगों के अपने-अपने आवासों से बाहर आवागमन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।' पहले 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में छूट तड़के पांच बजे से शाम 10 बजे तक थी, लेकिन नवीनतम आदेश ने इसे समाप्त कर दिया। हालांकि, मीडिया, बिजली, अदालत और स्वास्थ्य समेत आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू के दायरे से बाहर रखा गया है।

दोनों जिलों में यह आदेश ऐसे समय में आए हैं, जब मणिपुर में छात्र राज्य सरकार के पुलिस महानिदेशक डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की अपनी मांग को लेकर अपने प्रदर्शन को तेज करने की योजना बना रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं।

प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोली चलाने का आरोप
थौबल में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है, क्योंकि पुलिस का दावा था कि सोमवार को जिले में प्रदर्शनकारी छात्रों में से किसी ने गोली चलाई जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इस बीच विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के सैकड़ों छात्रों ने इंफाल के ख्वाइरामबंद महिला बाजार में लगाए गए शिविरों में रात बिताई।

ताजा हिसंक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत
बता दें कि राज्य में ताजा हिसंक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बाद में छात्रों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्यपाल आचार्य से मुलाकात की। छात्र प्रतिनिधियों ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने छह मांगें रखी हैं, जिसमें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को उनकी कथित विफलता के लिए हटाने की मांग शामिल है। उन्होंने यह भी मांग की कि एकीकृत कमान, जिसकी वर्तमान में अध्यक्षता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह कर रहे हैं, उसे राज्य सरकार को सौंप दिया जाए।